रेपो रेट में बदलाव नहीं, लोन EMI पर राहत के लिए ग्राहकों को करना होगा इंतजार
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समिति की बैठक के नतीजे आ गए हैं। आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट को स्थिर रखा है। रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर है। इसका मतलब ये हुआ कि आपकी बैंक की ईएमआई नहीं घटेगी। दरअसल, रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव होता है। बैंक ब्याज दर में कटौती करते हैं तो ईएमआई भी कम हो जाती है।
लगातार सातवीं बार बदलाव नहीं: ऐसे में अब रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का सीधा मतलब ये हुआ कि बैंक लोन की ब्याज दर में कटौती नहीं करेंगे। आपको बता दें कि आरबीआई ने लगातार सातवीं बैठक में रेपो रेट को 4 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया है। आरबीआई ने मांग बढ़ाने के इरादे से 22 मई, 2020 को नीतिगत दर में बदलाव किया था और इसे रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर लाया था। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि अर्थव्यवस्था अभी पूरी तरह से कोविड-19 संकट से उबर नहीं पाई है। यही वजह है कि रेपो रेट को स्थिर रखा गया है।
वहीं, रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है। मौद्रिक समिति की बैठक के नतीजों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1% रहने की उम्मीद है।शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से लगे झटके से बाहर आ रही है। वैक्सीनेशन में गति के साथ आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
शेयर बाजार का रिएक्शन: रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक के बाद शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली। कारोबार के कुछ घंटे बाद सेंसेक्स करीब 250 अंक तक टूट कर 54,300 अंक के नीचे आ गया। इस दौरान रिलायंस के शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट रही।