महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश, आपस मे भिड़ गए सरकार बनाने वाले
महाराष्ट्र के राजयपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी है | इसके बाद ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने मंगलवार को कहा कि जब तक कांग्रेस से समर्थन करने का पत्र नहीं मिलता तब तक हम (एनसीपी) कुछ नहीं कर सकते हैं | कल हमने पूरे दिन उनकी राह देखी, लेकिन कांग्रेस की तरफ से कोई लेटर नहीं आया |
अजीत पवार ने कहा है कि आज हमारे बीच चर्चा होगी अगर कुछ निष्कर्ष निकला तो हम उन्हें (शिवसेना) को फोन करेंगे | अजीत पवार ने कहा कि सोमवार को अहमद पटेल का फोन आया था | उन्होंने कहा था कि मीटिंग के लिए बैठना चाहते हैं | इसके बाद पवार ने कहा कि आज वह नहीं आ सकते हैं | आज उनकी मीटिंग है| साथ ही एनसीपी नेता ने कहा कि कांग्रेस के नेता अब तक मुंबई नहीं आए हैं | राज्यपाल ने सभी विधायकों का सही साइन मांगा है, जो आज होता नहीं दिख रहा है | उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ही निर्णय लेना है |
गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश के बाद शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है | पार्टी का कहना है कि उसके पास बहुमत है लेकिन गवर्नर की तरफ से उसे समय ही नहीं दिया गया | अब शिवसेना की कुछ मांगें हैं
महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा खारिज करने के गवर्नर के निर्णय को खारिज करने के आदेश दिए जाएं | गवर्नर के निर्णय को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई | शिवसेना ने कहा है कि गवर्नर का ये निर्णय संविधान के आर्टिकल 14 की अवहेलना करता है | सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने तीन दिन का समय मांगा था लेकिन गवर्नर द्वारा ये समय नहीं दिया गया | शिवसेना की मांग है कि गवर्नर के इस आदेश को भी खारिज किया जाए | शिवसेना की मांग है कि उसे सरकार बनाने के लिए तर्कसंगत समय दिया जाना चाहिए | शिवसेना गवर्नर के सामने दावा कर चुकी है कि उसके पास राज्य में सरकार बनाने के लिए पर्याप्त समर्थन मौजूद है | शिवसेना ने मांग की है कि बहुमत परीक्षण सिर्फ सदन के भीतर होना चाहिए | इसे लेकर सिर्फ गवर्नर की संतुष्टि के आधार पर निर्णय नहीं लिया जा सकता |