बच्चों में नींद के Disorder : पहचानना और निपटना

Disorder  , नींद को लंबे समय से वैज्ञानिक समुदाय द्वारा एक सक्रिय प्रक्रिया के रूप में माना गया है, जबकि यह आम धारणा है कि नींद एक निष्क्रिय अवस्था है। नींद को एक सामान्य, पलटने योग्य, और पुनरावृत्त होने वाली अवस्था के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें बाहरी उत्तेजनाओं के प्रति प्रतिक्रिया कम हो जाती है और शारीरिक गतिहीनता होती है।

Disorder  , नींद को लंबे समय से वैज्ञानिक समुदाय द्वारा एक सक्रिय प्रक्रिया के रूप में माना गया है, जबकि यह आम धारणा है कि नींद एक निष्क्रिय अवस्था है। नींद को एक सामान्य, पलटने योग्य, और पुनरावृत्त होने वाली अवस्था के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें बाहरी उत्तेजनाओं के प्रति प्रतिक्रिया कम हो जाती है और शारीरिक गतिहीनता होती है।

नींद के कार्यों को समझना यह जानने के लिए आवश्यक है कि नींद की कमी और नींद से संबंधित विकारों के परिणाम क्या हो सकते हैं। नींद के प्रमुख कार्यों में शामिल हैं: मस्तिष्क की बेहतर वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना; सीखने, ध्यान और याददाश्त को बढ़ाना; भावनाओं, भूख और निर्णय लेने को नियंत्रित करना; इम्यून सिस्टम को मजबूत करना और शरीर के ऊतकों के आराम और मरम्मत के लिए आदर्श समय प्रदान करना।

बच्चों में नींद के विकारों की पहचान

बच्चों में नींद के विकार उनकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। नींद में गड़बड़ी से बच्चों की विकास प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है, और इससे उनका व्यवहार, शैक्षिक प्रदर्शन और समग्र कल्याण प्रभावित हो सकता है।

  1. नींद की कमी: बच्चों में नींद की कमी का सबसे सामान्य कारण स्कूल, पढ़ाई, या अत्यधिक स्क्रीन टाइम हो सकता है। यह उनके मूड को प्रभावित कर सकता है, जिससे चिड़चिड़ापन, थकान, और कम एकाग्रता जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
  2. नींद में रुकावट: यदि बच्चा रात में बार-बार उठता है या नींद में खर्राटे लेता है, तो यह किसी गहरी समस्या का संकेत हो सकता है, जैसे स्लीप एपनिया। यह विकार सांस लेने में रुकावट उत्पन्न कर सकता है, जिससे नींद में व्यवधान आता है।
  3. नींद का भय या नाइटमेयर: कुछ बच्चे रात के समय बुरे सपने या नींद से जुड़ी समस्याओं का सामना करते हैं। यह एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन यदि यह लगातार होता है तो इसे चिकित्सीय रूप से देखा जाना चाहिए।

Disorder , बच्चों में नींद के विकारों से निपटना

बच्चों में नींद के विकारों से निपटने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे को नियमित नींद का समय और आदतें बनाएं, ताकि उनकी नींद की गुणवत्ता बेहतर हो सके।

  1. नींद का नियमित समय: बच्चों को हर दिन एक निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत डालें। इससे उनका शरीर एक नियमित नींद चक्र में ढल जाता है और उन्हें बेहतर नींद मिलती है।
  2. आरामदायक नींद का माहौल: बच्चों के सोने के कमरे को शांत और अंधेरा रखें। अत्यधिक प्रकाश और शोर बच्चों की नींद में खलल डाल सकते हैं।
  3. स्क्रीन टाइम कम करें: बच्चों को सोने से कम से कम एक घंटे पहले स्क्रीन टाइम (टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर) से दूर रखें। यह उनकी नींद में बाधा डाल सकता है।
  4. आहार पर ध्यान दें: बच्चों को सोने से पहले भारी या कैफीनयुक्त भोजन से बचाएं। हल्का भोजन उनकी नींद को बेहतर बना सकता है।
  5. पेशेवर मदद: यदि बच्चों में नींद से संबंधित समस्याएं गंभीर हो जाएं, तो पेशेवर चिकित्सकीय सहायता लेने की आवश्यकता हो सकती है। चिकित्सक नींद के विकारों का उचित निदान कर सकते हैं और उपचार की योजना बना सकते हैं।

Disorder , The array of consequences of sleep disruption range from irritability to poor academic and work performance to being triggers for major mental illnesses and suicides. Photograph used for representational purposes only

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Disorder , नींद बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नींद के विकारों से बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, और यह उनके समग्र विकास में रुकावट डाल सकता है। इसलिए, नींद से जुड़ी समस्याओं की पहचान और समय पर उनका इलाज करना आवश्यक है। सही नींद की आदतें बच्चों को स्वस्थ और खुशहाल जीवन की ओर ले जाती हैं।

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