संसद के मानसून सत्र में मजेदार घटना हुई जिसमें जया बच्चन और जगदीप धनखड़ के बीच एक हल्की-फुल्की स्थिति सामने आई ;

इस तरह की हल्की-फुल्की घटनाएं संसद के माहौल को मानवता और हंसी की छांव प्रदान करती हैं, और यह बताती हैं कि राजनीति के गंभीर पहलुओं के बीच भी एक मानवतावादी दृष्टिकोण हो सकता है।

घटना का विवरण:

  1. संसद में चर्चा: मानसून सत्र के दौरान जया बच्चन अपने विचार और सुझाव पेश कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने एक मुद्दे पर बात की जिसमें उन्होंने अपनी बात को सटीक और तीखे अंदाज में प्रस्तुत किया। उनके बयान में कोई खास मजेदार या चौंकाने वाली बात थी, जो चर्चा के दौरान सामने आई।

2.जगदीप धनखड़ की प्रतिक्रिया: जया बच्चन की बातों को सुनने के बाद, संसद के उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने हंसते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। उनकी हंसी का कारण जया बच्चन की टिप्पणी का अनौपचारिक और चंचल अंदाज था। जया बच्चन ने बात करते समय जो अंदाज अपनाया, वह धनखड़ को मजेदार लगा, और उन्होंने खिलखिलाकर हंसी मजाक की।

3. सदन का माहौल: जगदीप धनखड़ की हंसी ने पूरे सदन का माहौल हल्का कर दिया। गंभीर चर्चा के बीच यह एक राहत का पल था। इस हंसी ने सभी सांसदों को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया और चर्चा के उस पल को अधिक आरामदायक बना दिया।

4. जया बच्चन की प्रतिक्रिया: जया बच्चन ने भी इस हल्की-फुल्की स्थिति को अच्छे से लिया। उनकी प्रतिक्रिया से साफ था कि उन्होंने इस पल को भी सहजता से स्वीकार किया और उन्होंने भी हंसी मजाक का आनंद लिया। इससे उनका आत्मविश्वास और भी बढ़ गया और उन्होंने अपनी बात को और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया।

इस घटना की खासियत:

  • संसद का गंभीर माहौल: संसद में आमतौर पर गंभीर और महत्वपूर्ण चर्चा होती है, लेकिन इस तरह के हल्के पल भी माहौल को खुशनुमा बना देते हैं।
  • सांसदों के बीच संबंध: इस घटना ने यह भी दर्शाया कि भले ही संसद में गंभीर मुद्दों पर चर्चा होती है, लेकिन सांसदों के बीच एक अनौपचारिक और दोस्ताना रिश्ता भी होता है।
  • जया बच्चन का अंदाज: जया बच्चन का आत्मविश्वास और उनका अंदाज इस स्थिति को और भी दिलचस्प बना देता है।

 

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