“Crocin – paracetamol” खाओगे तो किडनी–लीवर हो जायेंगे खराब

अनुमान के मुताबिक, हर दिन लाखों लोग बुखार, सिरदर्द, या अन्य सामान्य दर्द के लिए क्रोसिन का उपयोग करते हैं।

Crocin, जो कि पैरासिटामोल का एक ब्रांड है, एक सामान्य दर्द निवारक और बुखार कम करने वाली दवा है। हाल ही में, क्रोसिन पर कुछ नई रिपोर्ट सामने आई हैं, जिनमें इसके साइड इफेक्ट्स और उपभोग की प्रवृत्तियों का विश्लेषण किया गया है।

रिपोर्ट का सारांश

एक नए अध्ययन के अनुसार, क्रोसिन का सेवन करने वाले लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। अनुमान के मुताबिक, हर दिन लाखों लोग बुखार, सिरदर्द, या अन्य सामान्य दर्द के लिए Crocin का उपयोग करते हैं। यह दवा सामान्यत: सुरक्षित मानी जाती है जब इसे अनुशंसित मात्रा में लिया जाए। लेकिन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बहुत से लोग बिना डॉक्टरी सलाह के इसे नियमित रूप से ले रहे हैं, जिससे साइड इफेक्ट्स का खतरा बढ़ सकता है।

साइड इफेक्ट्स

हालांकि क्रोसिन को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, इसके कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स हैं:

  1. लिवर की समस्याएं: उच्च मात्रा में क्रोसिन का सेवन करने से लिवर में गंभीर नुकसान हो सकता है। कुछ मामलों में, यह लिवर फेलियर का कारण भी बन सकता है।
  2. एलर्जिक रिएक्शन: कुछ लोगों को क्रोसिन के प्रति एलर्जी हो सकती है, जिसके कारण रैशेज, खुजली या सूजन हो सकती है।
  3. गैस्ट्रिक समस्याएं: लंबी अवधि तक क्रोसिन लेने से पेट में दर्द, उल्टी या अन्य गैस्ट्रिक समस्याएं हो सकती हैं।

उपभोग की प्रवृत्ति

हालिया आंकड़ों के अनुसार, लगभग 30-40% वयस्क नियमित रूप से बुखार या दर्द निवारक के रूप में Crocin का उपयोग करते हैं। इसमें कामकाजी लोग और छात्र शामिल हैं, जो अपने दैनिक जीवन की चुनौतियों के कारण इसकी ओर आकर्षित होते हैं। कुछ लोग इसे बुखार के तुरंत बाद राहत के लिए लेते हैं, जबकि अन्य इसे सिरदर्द या मांसपेशियों के दर्द के लिए उपयोग करते हैं।

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Crocin (पैरासिटामोल) का किडनी पर प्रभाव

क्रोसिन, जिसे आमतौर पर पैरासिटामोल के नाम से जाना जाता है, एक लोकप्रिय दर्द निवारक और बुखार कम करने वाली दवा है। यह सामान्यतः सुरक्षित मानी जाती है जब इसे सही मात्रा में लिया जाए। हालांकि, इसके अत्यधिक या अनियमित उपयोग के कुछ संभावित प्रभाव हो सकते हैं, विशेष रूप से किडनी पर।

1. किडनी की कार्यक्षमता

  • नियमित उच्च मात्रा: लंबे समय तक उच्च मात्रा में क्रोसिन का सेवन करने से किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। यह स्थिति किडनी फेलियर या किडनी संबंधी अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
  • स्ट्रेस: किडनी को क्रोसिन का मेटाबोलिज़्म करने में अतिरिक्त तनाव का सामना करना पड़ सकता है, जिससे यह उनके कार्य को प्रभावित कर सकता है।

2. किडनी रोगियों के लिए सावधानी

  • रिस्क फैक्टर: जिन व्यक्तियों को पहले से ही किडनी की समस्या है, उन्हें क्रोसिन का उपयोग करने में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसा करने से उनकी स्थिति और भी खराब हो सकती है।
  • डॉक्टर की सलाह: किडनी रोग से पीड़ित व्यक्तियों को हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए कि क्या उन्हें क्रोसिन का उपयोग करना चाहिए या नहीं।

3. अन्य कारक

  • निर्धारित मात्रा: क्रोसिन का सेवन निर्धारित मात्रा में किया जाना चाहिए। अधिकांश वयस्कों के लिए, आमतौर पर 4 ग्राम प्रति दिन की सीमा सुरक्षित मानी जाती है।
  • संवेदनशीलता: कुछ व्यक्तियों की किडनी क्रोसिन के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती है, जिससे उनके लिए जोखिम बढ़ सकता है।

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