कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस पर सफर करने से पहले इसे ज़रूर पढ़ लें वरना…
हरियाणा का सबसे महत्वपूर्ण केएमपी यानी कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के हालात बढ़ से बदतर होते जा रहे हैं | यहाँ लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं | पहले मानसून में ही एक्सप्रेस-वे की सड़कें कई जगह से धंस गई है | यहाँ की सड़के टूटकर बदहाल हो चुकी हैं | इन पर गाड़ी दौड़ाना तो क्या, आराम से चलकर निकलना भी मुश्किल हो रहा है | साढ़े अठाईस सौ करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुए इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2018 को किया था | लेकिन उद्घाटन के महज 8 महीने बाद ही इसकी सड़कें बेहद ख़राब हो गई है, जबकि यहां से गुजरने वाले वाहनों से काफी बड़ी राशि टोल के रूप में वसूली जा रही है, जिसका लोग अब विरोध भी कर रहे हैं |
एक्सप्रेस-वे बनाने में हुआ 2788 करोड़ का खर्च
केएमपी एक्सप्रेस-वे को 2846 एकड़ में बनाया गया है | इस पर करीब 2788 करोड़ रुपए खर्च हुए | यह एनएच 1, एनएच 10 और एनएच 2 के दायरे में आने वाले कई शहरों को अलग-अलग स्थानों पर जोड़ता है | कुल मिलाकर देखें तो केएमपी एक्सप्रेस-वे 135.6 किलोमीटर लंबा है | इसे बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर यानी बी.ओ.टी प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है | यह हरियाणा के पांच जिलों से कनेक्ट होता है | ये हैं सोनीपत, गुरुग्राम या गुड़गांव, पलवल, मेवात और झज्जर | अगर इसमें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को भी शामिल कर लें तो, कुल दूरी 270 किलोमीटर हो जाती है | देश की राजधानी दिल्ली और हरियाणा को इससे बेहद फायदा होना था | लेकिन केएमपी एक्सप्रेसवे की सड़कें बनाने में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है |