यूपी के बीसलपुर की अद्भुत रामलीला, कई बार मर चुका है असली रावण!
पीलीभीत के बीसलपुर में 172 साल से हर साल लगने वाला मेला रावण वध के लिए ख्याति पा रहा है। दरअसल इस मेले में रावण दहन दशहरा के दिन की जगह उसके दो दिन बाद किया जाता है। वहीँ इस मेले की रामायण में ही तीन बार रावण वध के दौरान किरदार की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही इस मेले में हर साल रावण का किरदार एक ही परिवार के लोग निभाते हैं। इस परिवार की खासियत है कि इस परिवार के सदस्य अपने नाम के आगे रावण लगाते हैं।
उत्तरप्रदेश के पीलीभीत में बीसलपुर की इस रामलीला में आज तक एक ही परिवार के लोग रावण का पात्र निभाते आ रहे है। सबसे खास बात है कि लीला मंचन के दौरान मैदान में रावण का अभिनय करने वाले गंगा उर्फ कल्लू मल,अक्षय कुमार और गणेश कुमार की मृत्यु हो चुकी है। सबसे पहली मृत्यु 1963 में रावण वध मंचन के दौरान बीसलपुर के रहने वाले गंगा उर्फ कल्लूमल की हुई थी। तत्कालीन जिला अधिकारी, एस पी और सभी लोगों के सामने इस घटना के बाद से इस मेले को काफी ख्याति मिली। उसके बाद से ही यहाँ दशहरे के दिन रावण के पुतले का दहन नही किया जाता। बल्कि उसके दो दिन बाद रावण दहन होता है।
भक्ति की शक्ति
कल्लूमल की मृत्यु से इतने बड़े बदलाव का कारण रावण को लेकर कल्लूमल की भक्ति थी। जब रावण के किरदार में कल्लू की मौत हुई तो मैदान में उनकी मूर्ति लगा दी गई। दरअसल कल्लूमल रावण का किरदार निभाते निभाते रावण के बहुत बड़े भक्त बन गए थे। उनकी भक्ति की वजह से ही उनके परिवार मे सभी लोग अपने नाम के आगे रावण लगाते हैं। इतना ही नही उनकी लंकेश नाम की एक ज्वैलरी की शॉप भी है। इस साल भी रावण का किरदार कल्लू राम के पौत्र दिनेश रास्तोगी ने निभाया था।
अजय देव वर्मा की रिपोर्ट