बिना श्रद्धालुओं के केवल सेवायतों की उपस्थिति में इस बार भी होगी रथयात्रा
पुरी शहर में रविवार शाम 8 बजे से 48 घंटों का कर्फ्यू लागू
भुवनेश्वर, महाप्रभु जगन्नाथ अब कुछ घंटो के ही पश्चात अपने श्रद्धालुओं को दर्शन देने के लिए पुरी के श्रीमंदिर के रत्न सिंहासन से उतर कर बडदांड पर अपने रथ पर रथारुढ़ होगे । सुबह से श्रीमंदिर में रथयात्रा से संबंधित समस्त रीति नीति शुरू हो चुकी है । भगवान जगन्नाथ का रथ नंदिघोष, भगवान बलभद्र का रथ तालध्वज एवं देवी सुभद्रा का रथ दर्पदलन श्रीमंदिर के बडदांड पर खडे हैं । कोरोना के कारण इस बार भी रथयात्रा बिना श्रद्धालुओं के होगी । केवल सेवायत एवं सुरक्षाकर्मी ही इसमें शामिल होगें। सरकार ने टेलीविजन के जरिये रथयात्रा को दिखाने की व्यवस्था की है । पुरी शहर को जोड़ने वाली समस्त सड़कों को सील कर दिया गया है तथा रविवार रात के आठ बजे से 48 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया गया है ।
श्रीमंदिर प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार तड़के से समस्त प्रकार की रीति नीति चल रही है । रथ की प्रतिष्ठा की नीति सुबह आठ बजे और 8.15 पर मगंलार्पण की नीति होगी। इसके बाद सुबह साढे आठ बडे पहंडी नीति शुरू हो कर 11.30 बजे तक समाप्त होगी। पहंडी बिजे नीति में भगवान मंदिर से आकर रथारूढ़ होंगे । इसके बाद मदन मोहन बिजे नीति संपन्न होगी । इसके पश्चात श्रीजगन्नाथजी के आद्य सेवक पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंह देव छेरा पहँरा नीति संपादित करेगें । दोपहर तीन बजे से रथों को खींचा जाना प्रारंभ होगा ।
रथयात्रा के लिए पुरी शहर में अभुतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुरी शह में 65 प्लाटून पुलिस फोर्स तैनात की गयी है। पुरी शहर को 12 जोन में विभाजित करने के साथ साथ शहर के मुख्य प्रवेश पथ पर सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं ।