राजस्थान : सियासी संकट के बीच रणदीप सुरजेवाला बोले कांग्रेस के पास बहुमत है और सत्र बुलाना चाहती है लेकिन बीजेपी दिखा रही पीठ !
राजस्थान में सियासी संकट के बीच अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल आमने सामने आ गए हैं। अशोक गहलोत की ओर से कहा गया है कि उन्होंने विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की है। लेकिन राज्यपाल की ओर से कोई भी फैसला नहीं लिया गया है वहीं अब खबर है कि राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से अभी कोरोनावायरस का हवाला दिया गया है। वहीं आपको बता दें कि सचिन पायलट गुटको राजस्थान के हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद विधानसभा स्पीकर के द्वारा भी नोटिस पर अभी स्टे लगा दिया गया है। यानी विधानसभा स्पीकर विधायकों को अयोग्य करार नहीं दे पाएंगे। वहीं दूसरी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि वह विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं लेकिन राज्यपाल की ओर से अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर राज्यपाल विधानसभा सत्र नहीं बुलाते हैं तो जनता राजभवन का घेराव कर सकती है ऐसी स्थिति में हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। बता दें कि राजस्थान सरकार के मंत्री का कहना है कि कैबिनेट ने प्रस्ताव पास कर दिया है तो राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुला ही होगा। केंद्र सरकार लोकतंत्र का गला घोटना चाहती है। सभी विधायक अब राज भवन पहुंच गए हैं कांग्रेस नेताओं की ओर से कहा गया है कि कोई भी विधायक कौन अपॉजिटिव नहीं है इससे पहले राज्यसभा चुनाव में कोविड-19 पॉजिटिव विधायकों ने वोट दिया था। बता दे कि सभी विधायक बस में बैठकर राजभवन पहुंच गए हैं। यहां राज्यपाल से मुलाकात कर विधानसभा सत्र बुलाने की अपील भी करेंगे।
इस बीच कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि
‘जब कांग्रेस सरकार के पास बहुमत है,
जब कांग्रेस सरकार सदन बुलाना चाहती है,
जब सविंधान में ये अधिकार सरकार का है,
तो फिर भाजपाई और उनके अनुयायी सदन से पीठ दिखा भाग क्यों रहे हैं?
दिल्ली की सत्ता पे आसीन मदमस्त हुकमरानों को विधायिका में बहुमत से डर क्यों लगता है?’
बता देगी रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर उस समय निशाना साधा है जब राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार को हाई कोर्ट की तरफ से बड़ा झटका लगा है और वही अब राजभवन से भी अशोक गहलोत सरकार को झटका लगाएं। ऐसे में अशोक गहलोत सरकार सत्र बुलाना चाहते हैं लेकिन राजभवन से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।