रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई सारे केस दिल्ली ट्रांसफर करने की गुहार, कही ये बात
नई दिल्ली. एलोपैथी (Allopathy) पर टिप्पणी करने के मामले में देश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज एफआईआर के खिलाफ स्वामी रामदेव (Ramdev) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. अदालत में योग गुरु का पक्ष रख रहे मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्वामी रामदेव को लेकर देशभर में विभिन्न एफ आई आर दर्ज कर दी गई है हम यह चाहते हैं कि तमाम एफआई को इकट्ठा किया जाए और उनको दिल्ली ट्रांसफर किया जाए. उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव एक पब्लिक फिगर है. वकील ने दावा किया कि स्वामी रामदेव ने डॉक्टरों को लेकर कोई बयान नही दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में रोहतगी ने कहा कि रामदेव के द्वारा दवा बनाने के बाद तमाम डॉक्टर उनके खिलाफ हो गए. हालांकि उनका जो वीडियो वायरल हुआ वह सही नहीं था. हम वो वीडियो कोर्ट में सबमिट करेंगे. रामदेव के वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट रामदेव की अर्जी पर अब सोमवार को सुनवाई करेगा.
बता दें आईएमए की पटना और रायपुर इकाई ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि कोविड-19 नियंत्रण प्रक्रिया में उनकी टिप्पणियों से पूर्वाग्रह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और यह लोगों को महामारी के खिलाफ उचित इलाज के प्रति हतोत्साहित कर सकती है. बाबा रामदेव ने अपनी याचिका में पटना और रायपुर में दर्ज प्राथमिकियों को दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.बाबा रामदेव ने मामले में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ मिलाकर दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय से अंतरिम राहत के तौर पर आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है. गौरतलब है कि बाबा रामदेव के कथित बयान से देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस शुरू हो गई थी. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा टिप्पणी को ‘अनुचित’ करार दिए जाने और पत्र लिखने के बाद बाबा रामदेव ने 23 मई को अपना बयान वापस ले लिया था.