हत्या के मामले में राम रहीम बरी, हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला पलटा

कोर्ट द्वारा भारी के जाने के बाद भी राम रहीम जेल से बाहर नहीं आ पाएगा। क्योंकि अन्य कई अपराधों में भी उसे सजा मिली हुई है

हत्या, रेप जैसे कई संगीत मामलों में आरोपी डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को आज एक बड़ी राहत मिली है। हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा पा चुके राम रहीम को आज पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के द्वारा बरी कर दिया गया है।

जानिए पूरा मामला

दरअसल वर्ष 2002 में डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इसी मामले में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को वर्ष 2021में दोषी करार दिया था। कोर्ट ने राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

सीबीआई ने दिया था आजीवन कारावास

मामला 2002 का है जब डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप डेरा सच्चा सौदा के ही लोगों पर लगा था। इस मामले में काफी जांच चली पुलिस की जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के पुत्र जगसीर सिंह ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। कोर्ट ने जगसीर की बात को मानते हुए मामले को सीबीआई को सौंप दिया। फिर सीबीआई ने राम रहीम सहित पांच लोगों को दोषी मानते हुए आजीवन करवास की सजा सुनाई थी।

आज इसी मामले में हुई सुनवाई में बाबा राम रहीम को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने बरी किया है। हालांकि इन सबके बावजूद बाब राम रहीम जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। क्योंकि उनको दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में 20 साल और छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, जिसकी सजा वह काट रहा है।

याचिकाकर्ताओं ने जताई निराशा 

आजीवन कारावास की सजा से बरी हो चुके राम रहीम के ऊपर आए इस फैसले पर दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने असहमति जताई है। अंशुल ने कहा कि पूरी जांच होने पर ही सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अब हाई कोर्ट के द्वारा उन्हें बरी किए जाने पर हम निराश हैं। अब हम इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

 

 

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