राज्य सभा ने वित्त विधेयक लोक सभा को लौटाया

तृणमूल कांग्रेस के शोर-शराबे के बीच राज्य सभा ने बुधवार को ‘वित्त विधेयक 2021’ ध्वनिमत से लोक सभा को लौटा दिया।
सदन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भ्रष्टाचार मुक्त सरकार है और समाज के शोषित, पीड़ित, वंचित और गरीब व्यक्ति को सीधे मदद दी जा रही है। सरकार के आर्थिक सुधारों से बैंकों की गैर निष्पादित संपत्ति में कमी आयी है।
उन्होेंने कहा कि वित्त विधेयक में करों को तार्किक तथा सरल बनाने का प्रयास किया गया है तथा आयकर की दरों में बदलाव नहीं किया गया है। अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए कारोबार की सुगमता पर बल दिया गया है और इसके अनुपालन के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव भी किये गये हैं। इस क्रम में उत्पादन शुल्क में भी बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में कर छूट तथा सरकारी बैंकों के वित्त पोषण जैसे कुछ अन्य अहम प्रस्ताव भी किये गये हैं और उन्हें इसका हिस्सा बनाया गया है।
वित्त मंत्री ने जीएसटी को लेकर सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जीएसटी वित्त मंत्रालय का मामला नहीं है। जीएसटी में कोई भी फैसला जीएसटी परिषद करती है और वही इससे संबंधित बदलाव कर सकती है। परिषद में देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और उन्हें ही बदलाव का अधिकार है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने के लिए राज्य सरकारों को काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव लेकर आना चाहिए। जीएसटी में लगातार परिवर्तन हुए हैं और यह विस्तृत चर्चा के बाद निर्णय लिया गया है।

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