राज्यसभा से भी पास हुआ तीन तलाक़, 15 वोटों से पिट गया विपक्ष
तीन तलाक बिल पर एक बड़ा फैसला आ गया है | लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी तीन तलाक बिल पास हो गया है | बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े| अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा | वहीं इससे पहले राज्यसभा में तीन तलाक बिल को सिलेक्शन कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव वोटिंग के बाद गिर गया |
प्रस्ताव के पक्ष में 84 और विपक्ष में 100 वोट पड़े थे | बिल का विरोध करने वाली कई पार्टियां वोटिंग के दौरान राज्यसभा से वॉकआउट कर गई थीं | इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है| तीन तलाक बिल 26 जुलाई को इसी सत्र में लोकसभा से पास हो चुका है | मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आने के बाद से ही तीन तलाक बिल को पारित कराने की कोशिश में जुटी थी | पिछली लोकसभा में पारित होने के बाद यह बिल राज्यसभा में अटक गया था, जिसके बाद सरकार इसके लिए अध्यादेश लेकर आई थी| इस लोकसभा में फिर से कुछ बदलावों के साथ यह बिल लाया गया था और अब लोकसभा के बाद राज्यसभा में इस बिल को पास कराने में सरकार सफल रही है |
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि कानून के बिना पुलिस पीड़ित महिलाओं के शिकायत सुनने के लिए तैयार नहीं थी | मुस्लिम समाज बेटियों के लिए न्याय पर ही सवाल क्यों उठते हैं, यही सवाल 1986 में उठे थे और आज भी उठे हैं | उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने देश हित में बगैर डरे फैसले लिए और चुनाव में हार-जीत के बारे में कभी नहीं सोचा | प्रसाद ने कहा कि हम आतंकवाद से लड़ने वाले लोग हैं | मंत्री ने कहा कि अगर इस्लामिक देश भी महिलाओं के लिए बदलाव की कोशिश कर रहे हैं तो लोकतांत्रिक देश होने के नाते हमें क्यों नहीं करना चाहिए | प्रसाद ने कहा कि गरीब परिवारों से ही तीन तलाक की 75 फीसदी महिलाएं आती हैं और हमें उनके बारे में विशेष तौर पर सोचना चाहिए |
जेडीयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल के साथ नहीं है | उन्होंने कहा कि हर पार्टी की एक विचारधारा है और उसके पालन के लिए वह स्वतंत्र है | वशिष्ठ नारायण ने कहा कि विचार की यात्रा चलती रहती है और उसकी धाराएं बंटती रहती हैं लेकिन खत्म नहीं होती |