आसियान देशों की बैठक में राजनाथ सिंह ने कही ये बात, जानिए क्या
नई दिल्ली. आसियान (ASEAN) रक्षा मंत्रियों की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए हिस्सा ले रहे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने एक बार फिर आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है. राजनाथ सिंह ने कहा, आतंकवाद (Terrorism) और कट्टरपंथ (Fundamentalism) विश्व की शांति और सुरक्षा के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के सदस्य के रूप में, भारत हर समय आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए वचनबद्ध है. भारत हिंद-प्रशांत के लिए साझा दृष्टिकोण के कार्यान्वयन के लिए आसियान के नेतृत्व वाले तंत्र के उपयोग का समर्थन करता है.
आतंकवाद से लगातार मुकाबला कर रहे भारत की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आपसी सहयोग से ही आतकंवादी संगठनों को और उनके नेटवर्क को बाधित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के साथ भारत का जुड़ाव नवंबर 2014 में पीएम मोदी द्वारा घोषित ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ पर आधारित है.
इस पॉलिसी के महत्वपूर्ण तत्व आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक संबंध बढ़ाना और इंडो पैसिफिक क्षेत्र के देशों के साथ रणनितिक संबंध स्थापित करना है. उन्होंने एक बार फिर जोर देते हुए कहा कि आतंकवाद को संरक्षण देना दुनिया के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न करने जैसा है. आज दुनिया लगातार आतंकवाद और कट्टरपंथ से लड़ रही है
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, रैंसमवेयर, वानाक्राई हमलों और क्रिप्टोकरेंसी की चोरी की घटनाएं दुनिया के सामने बड़ी चिंता का विषय हैं. बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन और पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया लेकिन आतंकवाद को संरक्षण देने वाले देशों का चेहरा बेनकाब करने की कोशिश जरूर की.
आतंकवाद और कट्टरपंथ का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री ने कहा, भारत के पड़ोंसी देश सीमा पर शांति बनाए रखने की बात करते हैं लेकिन उसकी कथनी और करनी में अंतर साफ दिखाई देता है. उन्होंने बताय कि सीमा पर घुसपैठ की कोशिश लगातार होती रहती है, जिसे भारतीय जवान रोकने की पूरी कोशिश में लगे रहते हैं.