राजस्थान के खिलाड़ियों का जलवा, जेवलिन थ्रो में देवेन्द्र को रजत और सुंदर को कांस्य पदक
जयपुर. टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) राजस्थान के खिलाड़ियों का आज जबर्दस्त जलवा दिखा. टोक्यो पैरालंपिक में जेवलिन थ्रो (Javelin Throw) में राजस्थान के चूरू के देवेंद्र झाझड़िया (Devendra Jhajharia ) ने सिल्वर और करौली के सुंदर गुर्जर (Sundar Gujjar) ने कांस्य पदक अपने नाम किया है. इससे थोड़ी देर पहले जयपुर की शूटर अवनि लेखरा ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. पैरालंपिक में एक ही दिन में तीन गोल्ड, सिल्वर और कांस्य पदक आने से प्रदेशभर में जश्न का माहौल है. खिलाड़ियों को बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है. राजनीतिक और खेल जगत की हस्तियों समेत खेलप्रेमी और अन्य लोग फूले नहीं समा रहे हैं. यह पहली बार है जब राजस्थान के पैरा खिलाड़ियों खेल के महाकुंभ में एक दिन में इतने मेडल जीते हैं.
टोक्यो पैरालंपिक में मिली इतनी बड़ी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी खिलाड़ियों को ट्वीट कर बधाइयां दी है. आज हुये जेवलिन थ्रो इवेंट में देवेंद्र झाझड़िया ने सिल्वर और सुंदर सिंह ने कांस्य पदक जीता है. इसका गोल्ड मेडल श्रीलंका के मुदियनसेलेज हेराथ के नाम रहा. देवेंद्र झाझड़िया ने 64.35 मीटर और सुंदर सिंह ने 64.01 मीटर दूर भाला फेंककर ये पदक अपने नाम किये हैं. पैरालंपिक में भारत ने आज कुल चार मेडल जीते हैं. इसके साथ ही भारत के पदकों की संख्या सात हो गई है. जेवलिन थ्रो स्टार खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया का पैरालंपिक खेलों में यह तीसरा पदक है. इससे पहले देवेन्द्र ने एथेंस ओलंपिक-2004 और रियो ओलंपिक 2016 में गोल्ड मेडल जीता था.
देवेन्द्र अर्जुन अवॉर्ड, खेल रत्न और पद्मश्री पुरस्कारों से भी नवाजे जा चुके हैं
चूरू के देवेंद्र झाझडिया ने इस बार जेवलिन थ्रो अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर पैरालंपिक में एंट्री ली थी. देवेन्द्र के जज्बे की प्रधानमंत्री मोदी पहले भी हौंसला अफजाई कर चुके हैं. देवेन्द्र अर्जुन अवॉर्ड, खेल रत्न और पद्मश्री पुरस्कारों से भी नवाजे जा चुके हैं. देवेंद्र के साथ आठ साल की उम्र में हादसा हो गया था. आठ साल की उम्र में पेड़ पर चढ़ते समय करंट लग जाने के कारण उनका हाथ काटना पड़ा था. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपना हौंसला कम नहीं होने दिया.
सुंदर गुर्जर वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं
जेवलिन थ्रो के दूसरे स्टार खिलाड़ी करौली के सुंदर सिंह गुर्जर भी बेहतरीन एथलीट हैं. सुंदर गुर्जर के साथ वर्ष 2016 में हादसा हुआ था. इस हादसे में सुंदर गुर्जर को अपना एक हाथ गंवाना पड़ गया था. लेकिन इसके बावजूद सुंदर ने भी हिम्मत नहीं हारी. सुंदर के मजबूत हौसलों ने उन्हें जेवलिन थ्रो चैंपियन बना दिया. टोक्यो पैरालंपिक में जाने से पहले सुंदर गुर्जर वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. उन्होंने 2018 में एशियन गेम्स में भी रजत और कांस्य पदक जीता था.