राजस्थान : रेलवे ट्रैक के साथ राजमार्ग भी गुर्जरों के कब्जे में, महापंचायत तय करेगी आंदोलन की दशा-दिशा
भरतपुर/जयपुर। एमबीसी आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्रस्तावित गुर्जर आंदोलन को लेकर समाज के लोगों ने दूसरे दिन सोमवार सवेरे पीलूपुरा में जुटना शुरू कर दिया है। रविवार की शाम से गुर्जर समाज के लोग पीलूपुरा में एकत्र हुए और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था।
आंदोलन के तहत पीलूपुरा में गुर्जरों ने रेलवे ट्रैक के बाद भरतपुर-करौली स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया है। गुर्जर आंदोलन के चलते प्रशासन ने अलवर के थानागाजी, मालाखेड़ा व नटनी का बाड़ा क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। आंदोलन के तहत गुर्जर समाज के लोग रात भर रेलवे ट्रैक पर डटे रहे। सोमवार सुबह का नाश्ता भी ट्रैक पर ही हुआ। अब गुर्जर समाज की ओर से अन्य जिलों में भी फोन कर आंदोलन से जुड़ने की अपील की जा रही है। आंदोलन के कारण करीब 60 ट्रेनें प्रभावित हुईं हैं, जिनमें 40 मालगाड़ी हैं। कई ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया है जबकि दो स्थगित करनी पड़ी हैं।
रोडवेज के पांच बड़े डिपो दौसा, हिंडौन, करौली, भरतपुर और बयाना से आगरा और आस-पास के क्षेत्र में जाने वाली करीब 220 बसों को रोक दिया गया। इस कारण सैकड़ों लोग जहां-तहां फंस गए हैं। इस बीच, बीती रात सरकार की ओर से बैंसला से वार्ता करने गए खेल मंत्री अशोक चांदना खाली हाथ ही जयपुर लौट गए। चांदना आंदोलनस्थल से एक किमी पहले तक पहुंच गए थे, लेकिन भारी जाम के कारण आगे नहीं जा सके। उन्होंने बैंसला और उनके बेटे विजय बैंसला से फोन पर बात की। उन्हें कहा गया कि दोबारा कॉल करते हैं, लेकिन उनसे दोबारा संपर्क ही नहीं किया गया। इस कारण वे जयपुर लौट आए।
गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह के नेतृत्व में सोमवार को पीलूपुरा में यह निर्णय किया जाएगा कि आंदोलन किस दिशा में आगे ले जाया जाए। गुर्जरों की मांग है कि सरकार सभी मांगों को मानें और उसे लिखित में दे। सरकार की ओर से भरतपुर एसडीएम संजय गोयल एक नया समझौता प्रस्ताव लेकर गुर्जरों के बीच पहुंचे थे, लेकिन गुर्जर नेता विजय बैंसला ने इस पर सहमति जताने से इनकार कर दिया।
सरकार पहले बातचीत के रास्ते को वरीयता दे रही है। किसी भी तरह की उत्पात की स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश के 8 जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है। इसके अलावा 4 जिलों में धारा 144 लागू है। प्रस्तावित महापंचायत स्थल पीलूपुरा और हिण्डौन सिटी में आरएसी की कई कंपनियां तैनात की गई हैं।
गुर्जर आंदोलन के कारण रेल यातायात प्रभावित हो गया है। हिंडौन सिटी-बयाना रेलखंड पर रेल यातायात अवरुद्ध होने के कारण गाडिय़ों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। गुर्जर आंदोलन को देखते हुए इस रूट पर चलने वाली करीब एक दर्जन ट्रेनों के रूट बदले गए हैं, जिनमें जन शताब्दी, अंबाला, गोल्डन टेंपल और कोटा-निजामुद्दीन शामिल है। कोटा रेल मंडल ने भी लंबी दूरी की ट्रेनों को डायवर्ट करने का काम शुरू कर दिया है।
गुर्जर समाज के लोग अजमेर के मांगलियावास में भी सोमवार को एक महापंचायत करेंगे। यह पंचायत कर्नल बैंसला के निर्देश पर आयोजित होगी, जिसमें अजमेर जिले के गुर्जर समाज के लोग आंदोलन को किस दिशा में लेकर जाएंगे, इस पर चर्चा होगी।