राजस्थान का तिरुपति बालाजी मंदिर:तिरुपति की तरह फूलों से होगा शृंगार,
मुंबई से आएंगे फूल, रोज लगेगा लड्डू और रोटी का भोग
माउंट आबू शहर से 36 किलोमीटर दूर मावल गांव में श्री विजया वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी धाम के नाम से एक भव्य मंदिर बना है। अरावली की पहाड़ियों के बीच बना यह मंदिर आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है। इस भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 21 से 26 अक्टूबर के बीच की जाएगी। इसके बाद मंदिर को लोगों के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा।
इस मंदिर में पूजा-अर्चना से लेकर उनका भोग तिरुपति बालाजी के मंदिर की तरह होगा। हर रोज फूलों से भगवान का शृंगार किया जाएगा। इसके लिए हर तीसरे दिन मुंबई से फूल आएंगे। यहां लड्डू और रोटी का भोग लगाया जाएगा। तिरुपति मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले दो पुजारियों को वहां से बुलाया गया है। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद वही दोनों पुजारी यहां नियमित आरती और पूजा पाठ करेंगे।
तिरुपति बालाजी का भव्य मंदिर।
तिरुपति बालाजी के महंत और मुख्य पुजारी रमना दीक्षितुलु महाराज की उपस्थिति में 25 अक्टूबर को 21 पुजारी और शास्त्री प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजा करेंगे और पूरे कार्यक्रम को संपन्न कराएंगे। यह मंदिर रमना दीक्षितुलु के निर्देशों के अनुसार बनाया गया है। इस मंदिर में भी तिरुपति मंदिर की तरह आकृति देने का प्रयास किया गया है। गेट भी तिरुपति बालाजी मंदिर की तरह बनाए गए हैं। आरती आदि का समय भी तिरुपति बालाजी मंदिर के अनुसार ही निर्धारित किया गया है। यहां यूपीएसीए तिरुपति बालाजी देवस्थानम् ट्रस्ट का भी गठन किया गया है।
मंदिर में तिरुपति बालाजी और पद्मावती की प्राण प्रतिष्ठा 25 अक्टूबर को की जाएगी। तिरुपति से बुलाए 15 सदस्यों का बैंड दल और लोकल बैंड दल की विशेष धुन के साथ देर शाम को बारात निकाली जाएगी। बारात कैंपस में बनाए गए गुजरात गेट से होते हुए राजस्थान गेट और वहां से गोकुल गेट होते हुए मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद आरती की जाएगी। तिरुपति की तर्ज पर ही बैंड की धुन से आरती की जाएगी
मंदिर के बाहर लगी प्रतिमा।
अरावली की पहाड़ियों के बीच बने इस भव्य मंदिर को बनाने में ढाई साल का समय लगा है। राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों से करीब 600 मजदूरों और कारीगरों को अलग-अलग कारीगरी और निर्माण कार्य के लिए बुलाया था। मंदिर में स्थापित होने वाली तिरुपति बालाजी और पद्मावती जी की 6 फीट की प्रतिमा तमिलनाडु से लाई गई है। इस मंदिर के बनने से माउंट आबू के पर्यटन स्थलों में एक अध्याय और जुड़ गया है। जो लोग तिरुपति बालाजी जाकर दर्शन नहीं कर पाए हैं। वो यहां दर्शन कर तिरुपति बालाजी का आशीर्वाद ले सकेंगे।
यूपीएसीए तिरुपति बालाजी देवस्थानम् ट्रस्ट के ट्रस्टी उत्तम प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि तिरुपति बालाजी के महंत की ओर से दी गई प्रेरणा के अनुसार यह मंदिर बनाया गया है। यानी इस मंदिर में हर श्रद्धालु अहसास करेगा कि वह तिरुपति के बालाजी मंदिर में ही है। उन्होंने कहा कि लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि इतनी जल्दी इस मंदिर का निर्माण हो गया। मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा में काफी कम दिन बचे हैं। लिहाजा तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। 21 से 26 अक्टूबर तक कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा।