पंजाब की कलह, राजस्थान में साइड इफेक्ट

BSP से कांग्रेस में आए 4 विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला; गहलोत के करीबी नाराजगी दूर करने में जुटे

पंजाब कांग्रेस में जारी कलह के साइड इफेक्ट राजस्थान में भी दिख रहे हैं। BSP छोड़कर कांग्रेस में आए 6 में से 4 विधायकों- राजेंद्र गुढ़ा, लाखन सिंह, वाजिब अली और संदीप यादव ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। दरअसल ये विधायक दलबदल के खिलाफ दायर अर्जियों की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के सिलसिले में दिल्ली गए थे लेकिन अब लौट नहीं रहे हैं, क्योंकि वे अशोक गहलोत सरकार से नाराज हैं।

इस नाराजगी की 2 वजह हैं। पहली ये कि कांग्रेस में आने के 2 साल बाद भी उन्हें कोई पद नहीं मिला है। दूसरी ये कि सब कुछ दांव पर लगाकर कांग्रेस में आए और अब सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने के लिए ढंग का वकील तक उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा।

विधायकों की नाराजगी की गंभीरता तो समझते हुए कांग्रेस भी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। उन्हें मनाने का जिम्मा मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी माने जाने वाले कुछ नेताओं को दिया गया है, जो कई तरह के आश्वासन देकर विधायकों को भरोसे में ले रहे हैं। सरकार की बेचैनी इसलिए भी बढ़ गई है, क्योंकि दलबदल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने BSP विधायकों को जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का वक्त दिया है।

विधायकों की मांगों पर मंथन जारी
गहलोत के रणनीतिकारों ने ​चारों विधायकों की नाराजगी को देखते हुए उनकी मांगों पर चर्चा शुरू कर दी है। साथ ही उनके इलाके के विकास कार्यों समेत दूसरी मांगें पूरी करने का आश्वासन भी दिया गया है। हालांकि, ये साफ नहीं हो पाया है कि BSP विधायकों की मांगे क्या-क्या हैं।

2 गुटों में बंटे BSP विधायक
BSP से कांग्रेस में आए 6 विधायक अभी दो गुटों में बंटे हुए नजर आ रहे हैं। चार विधायक दिल्ली में डटे हैं, वहीं दो विधायक- जोगिंद्र सिंह अवाना और दीपचंद खेरिया दिल्ली नहीं गए। इन दोनों ने बीती रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात भी की थी। वहीं अवाना, दिल्ली गए चारों विधायकों से भी मिले थे, लेकिन उनके साथ नहीं गए।

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