BJP-SP से गठबंधन पर राजा भैया ने लगाया विराम, कहा यूपी में अकेले चुनाव लड़ेगा जनसत्ता दल
राजा भैया ने किया ऐलान, यूपी में अकेले चुनाव लड़ेगा जनसत्ता दल
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां इन दिनों काफी बिजी हैं. वहीं जनसत्ता दल लोकतान्त्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रतापगढ़ के कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप उर्फ़ राजा भैया ने गठबंधन को लेकर पहली बार एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि उनकी पार्टी अकेले अपने दम पर 2022 विधानसभा चुनाव लड़ेगी. इसे साथ राजा भैया ने कहा कि जनसत्ता दल के प्रत्याशी के दम पर हम चुनाव लड़ेंगे. इसके साथ ही भाजपा और सपा समेत अन्य दलों के साथ गठबंधन को लेकर महीनों से चल रहे कयास को राजा भैया ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
बता दें राजा भैया के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में सियासत तेज हो गयी है. इसके अलावा पत्रकारों से बात करते हुए राजा भैया ने कहा कि जिस भी विधानसभा क्षेत्र में अच्छे और मजबूत उम्मीदवार हैं, वहीं जनसत्ता दल प्रत्याशी उतार रही है. अभी तक सिर्फ 17 सीटों पर जनसत्ता दल ने प्रत्याशी घोषित किए हैं. हालांकि अभी कई उम्मीदवारों को लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है, जितने अच्छे प्रत्याशी मिलते जा रहे हैं, वहां के पार्टी पदाधिकारियों और जनता से राय लेकर प्रत्याशी का ऐलान किया जाएगा.
कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने पर राजा भैया ने दिया जवाब
राजा भैया ने कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि अभी पार्टी कितने सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी, यह कह पाना थोडा मुश्किल है. वहीं, जिस दिन आखिरी प्रत्याशी घोषित होगा उस दिन हम सीट की पूरी संख्या बताएंगे. जनसत्ता दल और प्रत्याशी अपने दम पर विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे.
दल-बदल के मुद्दे पर कही ये बात
राजा भैया ने दल बदल की राजनीति पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़े सौभाग्य से जनता के आशीर्वाद से विधानसभा की सदस्यता मिलती है. भाग्य और प्रबल हो तो सत्ता पक्ष में आते हैं और भाग्य थोड़ा और अच्छा होता है तो मंत्री बनते हैं. वहीं, मंत्री के नाते प्रदेश की जनता के लिए अधिक से अधिक सेवा करना चाहिए, लेकिन चुनाव के समय बड़ी संख्या में लोग दल-बदल करते हैं और पार्टी बदलने वाले एक लाइन ही बोलते हैं कि पार्टी अपने सिद्धांतों से भटक गई है. मुझको घुटन होने लगी है, अब यहां आकर खुली हवा में सांस ले रहा हूं. इसके साथ ही कहा कि जब चुनाव होता है तब तब दल-बदल का दौर चलता है,जिसके विचार जिस पार्टी में मिले वह वहां जा सकता है.