पोर्नोग्राफी केस:राज कुंद्रा और उनकी कंपनी के IT हेड रायन थार्प को सेशंस कोर्ट ने जमानत दी,

पुलिस को बिना बताए शहर छोड़ने की मनाही

राज कुंद्रा पर शर्लिन चोपड़ा से लेकर पूनम पांडे तक ने कई गंभीर आरोप लगाए थे। मुंबई साइबर पुलिस के पास साल 2020 में ये केस दर्ज हुआ था।

पोर्नोग्राफी केस में 19 जुलाई से जेल में बंद राज कुंद्रा को सोमवार को बड़ी राहत मिली। मुंबई की सेशंस कोर्ट ने 50 हजार के मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी है। जमानत देने के दौरान अदालत ने कहा कि राज लोकल पुलिस स्टेशन को जानकारी दिए बिना शहर नहीं छोड़ सकते हैं।

गिरफ्तार करने के बाद उन्‍हें पहले 27 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर रखा गया, जबकि किला कोर्ट (एस्प्लेनेड कोर्ट) ने बाद में उन्‍हें 14 दिनों की न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद से वे लगातार जेल में बंद हैं। कुंद्रा की एक जमानत अर्जी को सेशंस कोर्ट खारिज कर चुका है। राज कुंद्रा पर शर्लिन चोपड़ा से लेकर पूनम पांडे तक ने कई गंभीर आरोप लगाए थे। मुंबई साइबर पुलिस के पास साल 2020 में ये केस दर्ज हुआ था।

राज कुंद्रा के साथ ही उनके आईटी हेड रायन थार्प की जमानत याचिका भी मंजूर हो गई है। कोर्ट ने जमानत याचिका पर मुंबई पुलिस से भी जवाब मांगा था। इस मामले में कुंद्रा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ 1500 पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई है। अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी, शर्लिन चोपड़ा समेत 43 गवाहों के बयान को चार्जशीट में शामिल किया गया है। इस चार्जशीट के बाद कुंद्रा की जमानत का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा था।

पहले खारिज हो चुकी है जमानत याचिका
इससे पहले 28 जुलाई को किला कोर्ट ने राज कुंद्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट अभ‍ियोजन पक्ष के इस तर्क से संतुष्‍ट दिखी कि रिहाई के बाद राज कुंद्रा केस की जांच और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। कोर्ट में पुलिस ने कहा था कि राज कुंद्रा पावरफुल हैं। वह केस में मुख्‍य आरोपी हैं। ऐसे में यदि उन्‍हें रिहा किया जाता है तो वह गवाहों और जांच दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। वह सबूत मिटा सकते हैं। पुलिस ने कोर्ट में यह भी बताया कि राज कुंद्रा के ख‍िलाफ उनके पास पक्‍के सबूत हैं और क्राइम ब्रांच ने राज कुंद्रा के दफ्तर से 68 एडल्‍ट वीडियोज जब्‍त किए हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट में भी लंबित है कुंद्रा की अर्जी
सेशंस कोर्ट में राज कुंद्रा की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने अगस्त में अपनी अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था। राज कुंद्रा ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा था कि इस मामले में उनके साथ फंसे एक अन्य आरोपी को जमानत दे दी गई, इसलिए उनके मामले में भी इसी तरह के निर्णय का पालन होना चाहिए। राज कुंद्रा के वकील सुभाष जाधव का कहना था कि राज कुंद्रा पर लगे सभी आरोप निराधार हैं। राज कुंद्रा द्वारा द्वारा बनाया गया कंटेंट पोर्नोग्राफी के दायरे में नहीं आता है, बल्कि वो एक इरॉटिक कंटेंट हैं।

इन धाराओं के तहत राज कुंद्रा की हुई है गिरफ्तारी

आईपीसी धारा 292, 296 – अश्लील सामग्री बनाना और बेचनाधारा 420 – विश्वासघात, कपटसूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67, 67 (ए) – इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री डालना और प्रसारित करनामहिलाओं का अविवेकपूर्ण प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, धारा 2 (जी) 3, 4, 6, 7 – महिलाओं से संबंधित अश्लील फिल्म बनाना, बेचना और प्रसारित करना।

पोर्नोग्राफी विरोधी कानून
इंटरनेट के माध्यम से पोर्नोग्राफी का व्यापार इन दिनों तेजी से बढ़ा है। यही कारण है कि पोर्नोग्राफी एक बड़ा धंधा बन गया है। पोर्नोग्राफी में फोटो, वीडियो, टेक्स्ट, ऑडियो जैसी चीजें आती हैं। ऐसी सामग्री को प्रकाशित करना या भेजना पोर्नोग्राफी विरोधी कानून के अधीन आता है।

अश्लील वीडियो बनाना अपराध है
कानून में दूसरों के अश्लील वीडियो बनाना, एमएमएस बनाना, ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दूसरों को भेजना या किसी की इच्छा के विरुद्ध अश्लील संदेश भेजना शामिल है। पोर्नोग्राफी को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रकाशित या प्रसारित करना अवैध है। अश्लील सामग्री को देखना, पढ़ना या सुनना गैरकानूनी नहीं है, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अवैध माना जाता है।

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