उत्तराखंड में आफत बनकर आई बारिश: अब तक 42 की मौत, 7 लोग लापता, कहां-कितनी तबाही?
उत्तराखंड में भारी बारिश के दौरान हुए भूस्खलन की घटनाओं में 42 लोगों की मौत हो गई। नैनीताल आपदा प्रबंधन विभाग ने जिले में 25 लोगों के मौत और सात लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। मृतकों में 14 उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर हैं। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के झुतिया, सुनका ग्रामसभा में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। जबकि, झुतिया गांव में ही एक मकान मलबे में दबने से पति-पत्नी और उनके बेटे की जान चली गई। धारी ब्लॉक के दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई। इसके अलावा नैनीताल के ही क्वारब में 2, कैंचीधाम के पास 2, बोहराकोट में 2, ज्योलीकोट में एक और भीमताल के खुटानी में हल्दूचौड़ निवासी शिक्षक के बेटे की मलबे में दबने से मौत हो गयी। अब तक 600 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
अल्मोड़ा में छह, चम्पावत में पांच लोग जिंदा दफन
अल्मोड़ा में छह लोगों की मलबे में दबने से मौत हुई है। जबकि, चंपावत में पांच और पिथौरागढ़-बागेश्वर में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बाजपुर में तेज बहाव में बहने से एक किसान की मौत हो गई। उधर, बारिश का पानी घर में घुसने से फैले करंट से किच्छा में यूपी के देवरिया के विधायक कमलेश शुक्ला के घर में करंट फैलने से बहू की मौत हो गई। नैनीताल के ओखलकांडा में छह लोग और हल्द्वानी में मंगलवार देर शाम गौला नदी में बहने से एक युवक लापता हैं।
कहां कितनी मौतें
कुमाऊं क्षेत्र में 42 और लोगों की मौत के साथ ही आपदा के कारण मरने वालों की संख्या 47 हो गई है क्योंकि पांच लोगों की मौत सोमवार को हुई थी। डीआईजी निलेश आनंद भारने ने बताया, ”कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 से अधिक हो गई है।” अधिकारी ने बताया कि इन 42 मौतों में से 28 लोग नैनीताल जिले में मारे गए, छह-छह लोगों की मौत अल्मोड़ा एवं चंपावत जिलों में, एक-एक व्यक्ति की मौत पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिले में हुई है।
केदारनाथ में ठंड से बाबा दंडी भारती की मौत
केदारनाथ में बीते कई सालों से रह रहे बाबा दंडी भारती का मंगलवार को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह 5 बजे ठंड अधिक बढ़ने से उनकी मौत हुई है। उधर, रुड़की के लंढौरा में बारिश के दौरान एक दीवार गिर जाने से नौ माह के बच्चे की मौत हो गई।
प्रधानमंत्री ने लोगों की मौत पर दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण लोगों की मौत होने पर मंगलवार को दुख जताया और कहा कि प्रभावित लोगों का सहयोग करने के लिए बचाव कार्य जारी है। मोदी ने ट्वीट किया कि उत्तराखंड के कई हिस्से में भारी बारिश के कारण लोगों के मरने की खबरों से मैं दुखी हूं। घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। बचाव कार्य जारी हैं ताकि प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। मैं हर किसी की सुरक्षा और कल्याण के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। इससे पहले दिन में, मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की और मूसलाधार बारिश से प्रभावित राज्य की स्थिति के संबंध में जानकारी हासिल की। मोदी ने केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट से भी इस संबंध में बात की।
मृतक आश्रितों को चार लाख मुआवजा : सीएम
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आपदा की वजह से जान गंवाने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। दून में धामी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सभी डीएम से अपडेट लेते हुए अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए केंद्र सरकार की ओर से तीन हेलीकॉप्टर दिए हैं।
कहां कितनी बारिश
इस बीच, एसईओसी ने कहा कि राज्य की अधिकतर नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 293.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 294 मीटर से मामूली नीचे है। एसईओसी ने बताया कि नैनीताल में 90 मिलीमीटर, हल्द्ववानी में 128 मिमी, कोश्याकुटोली में 86.6 मिमी, अल्मोड़ा में 216.6 मिमी, द्वाराहाट में 184 मिमी और जागेश्वर में 176 मिमी बारिश हुई।