रेलकर्मियों ने देशभर में धरना-प्रदर्शन कर मनाया बोनस दिवस
नई दिल्ली। रेलवे कर्मचारियों को हर साल दशहरा और दुर्गा पूजा से पहले मिलने वाले उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) की घोषणा में हो रही देरी से आक्रोशित रेल कर्मचारियों ने मंगलवार को देशभर में ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) के आह्वान पर धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि बोनस का आदेश जल्द जारी नहीं किया गया तो रेलकर्मी सीधी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे।
एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने बताया कि आज भोजनावकाश के दौरान एआईआरएफ से संबद्ध सभी यूनियनों ने प्रदर्शन आयोजित कर बोनस के मामले में हो रही देरी के लिए केंद्र सरकार की कड़ी निन्दा की। प्रदर्शन में रेल मंत्रालय की धमकी के बावजूद देश भर में तकरीबन आठ लाख से अधिक रेल कर्मियों ने भागीदारी की। उल्लेखनीय है कि एआईआरएफ के प्रदर्शन के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने जोनल कार्यालयों को अपने नेटवर्क पर रेलगाड़ियों का सुचारू संचालन और प्रदर्शन के दौरान अनुशासन सुनिश्चित करने की खास हिदायत दी थी।
मिश्र ने कोरोना संकट की आड़ में पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के उत्पादकता आधारित बोनस को नहीं जारी करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि रेलकर्मियों ने बेहतर काम किया है तो ऐसे में बोनस देने में देरी अनुचित है। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेलमंत्री पीयूष गोयल रेल कर्मियों द्वारा किये गये कार्यों की प्रशंसा करते है और दूसरी तरफ उनके बोनस पर हीला हवाली का कारण समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि अफसोस इस बात का है कि पीएलबी 2019-2020 का है, जो कोरोना काल नहीं था और रेल मुनाफे में चली थी। यही कारण है कि रेल मंत्रालय ने रेल कर्मियों के लिए उत्पादकता पर आधारित बोनस की सिफारिश वित मंत्रालय को अक्टूबर के प्रारम्भ में ही भेज दी थी।
महामंत्री ने कहा कि कोरोना काल में 180 से ज्यादा रेल कर्मियों ने अपनी शहादत देकर रेलगाड़ियां चलाई फिर भी उनके साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि देश में रेल कर्मचारियों सहित सभी केंद्रीय कर्मचारियों में बढ़ रहे आक्रोश को देखते हुए केंद्र सरकार को पीएलबी की घोषणा कर देनी चाहिए अन्यथा कर्मचारी सीधे संघर्ष के लिए मजबूर होंगे।