Farmers protest : राहुल- प्रियंका का मोदी सरकार पर वार, कहा- भारत को कमजोर कर रहे PM
गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन दिल्ली (Delhi) में हुई हिंसा के बाद गृह मंत्रालय हरकत में है। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देशित किया गया है कि वे सभी बॉर्डर के रास्ते खाली करवाएं और धरने को समाप्त कराए। इसके बाद पुलिस दिल्ली की सीमाओं पर 65 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों पर सड़क खाली करने का दबाव बना रही है। वहीं किसानों की ट्रैक्टर परेड (Farmers Tractor Parade) के दौरान हुई हिंसा को लेकर कई किसान नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसे पूरे मामले में कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि ‘किसान-मजदूर पर वार’ से देशविरोधी ताकतों को फायदा होगा।
किसान आंदोलन को लेकर PM पर निशाना
राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम पर आरोप लगाया और लिखा, ‘प्रधानमंत्री हमारे किसान-मजदूर पर वार करके भारत को कमजोर कर रहे हैं। फायदा सिर्फ देश-विरोधी ताकतों का होगा।’
किसानों को ‘डराना-धमकाना’ महापाप- प्रियंका
इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि किसानों को ‘डराना-धमकाना’ महापाप है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘किसान का भरोसा देश की पूंजी है। इनके भरोसे को तोड़ना अपराध है। इनकी आवाज न सुनना पाप है। इनको डराना धमकाना महापाप है। किसान पर हमला, देश पर हमला है। प्रधानमंत्री जी, देश को कमजोर मत कीजिए।’
किसान नेताओं के खिलाफ ‘लुक आउट’ नोटिस जारी
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर शहर में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में नामजद किसान नेताओं के विरुद्ध गुरुवार को ‘लुक आउट’ नोटिस जारी किया। इसके साथ ही अपनी जांच तेज करते हुए पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के संबंध में राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया है। पुलिस ने किसान नेताओं को तीन दिनों का समय देते हुए यह बताने को कहा है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए क्योंकि उन्होंने परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया।
7 संगठनों ने वापस लिया किसान आंदोलन
बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के चलते किसान आंदोलन से 7 संगठन अलग हो गए हैं। इनमें से तीन संगठन गाजीपुर बॉर्डर पर थे और चार सिंघू सीमा पर डटे थे। अलग होने वाले संगठन में रुलदु सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब किसान यूनियन रुलदु ग्रुप भी शामिल है। इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन (उग्रहां) भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) भी आंदोलन से अलग हो गई है। इन संगठनों के नेता क्रमाश: जोगिंदर सिंह उग्राहां, सुरजीत सिंह फूल और सतनाम सिंह साहनी कर रहे हैं।
हरेंद्र सिंह लाखोवाल की अध्यक्षता वाले भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) प्रेम सिंह भंगू के नेतृत्व वाले कुल हिंद किसान फेड्रेशन और अवीक साहा के नेतृत्व वाले जन किसान आंदोलन, स्वराज इंडिया ने भी खुद को आंदोलन से अलग कर लिया है। इन संगठनों ने अपने टेंट भी उखाड़ लिए हैं।