एकजुटता पर राहुल गांधी का जोर, कहा- मजबूत आवाज को दबा नहीं सकेगी BJP-RSS
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19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र मे अब तक कुछ घंटों तक ही काम-काज हो सका है। विपक्ष पेगासस व अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रही है जिसके कारण दोनों सदनों में केवल स्थगन का ही दौर जारी है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आमंत्रित विपक्षी नेताओं को संबोधित किया। राहुल ने एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि यह अहम मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘हमें इस आवाज (लोगों की आवाज) को एकजुट करना होगा, ये आवाज जितनी एकजुट होगी उतनी ही मजबूत होगी। और भाजपा और आरएसएस के लिए इस आवाज को दबाना उतना ही मुश्किल होगा।’
संसद में मानसून सत्र की शुरुआत से ही पेगासस और कृषि कानून सहित विभिन्न मुद्दों पर गतिरोध जारी है। कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक में संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी दल के नेता शामिल हुए लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) का एक भी सदस्य इस बैठक में नहीं पहुंचा। दरअसल सोमवार को ही राहुल ने विपक्षी दलों के संसदीय दल के नेताओं को मंगलवार सुबह नाश्ते का आमंत्रण भेजा था। इस नाश्ते के साथ असल मकसद भाजपा के खिलाफ साझा रणनीति को लेकर विपक्षी दल के साथ चर्चा करने का है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बैठक में समानांतर संसद चलाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की जा सकती है।
राहुल के आमंत्रण को स्वीकार कर कांग्रेस, शिवसेना, एनसीपी, राजद, सपा, CPI(M), CPI, IUML, केरल कांग्रेस (M), झारखंड मुक्ति मोर्चा, Revolutionary Socialist Party (RSP), नेशनल कॉन्फ्रेंस, तृणमूल कांग्रेस और लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) के नेता बैठक में शामिल हुए।
दोनों सदनों में अपनी बात रखने का मौका नहीं दिए जाने का आरोप लगाते हुए विपक्ष की ओर से समानांतर संसद बुलाने की मंशा जाहिर की गई है। अब यह फैसला कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा आज सुबह के चाय-नाश्ते के बाद स्पष्ट हो जाएगा। इस बैठक में ही विपक्ष संसद की समानांतर बैठक बुलाने की रणनीति पर अंतिम फैसला लेगा। आज कके लिए तृणमूल कांग्रेस को भी आमंत्रण भेजा गया है लेकिन देखना है कि वो शामिल होती है या नहीं। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी भी विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए सक्रिय हैं।
संसद में अपने मुद्दों पर चर्चा करने में असमर्थ रहने पर राहुल ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जताई थी। उन्होंने लिखा था, ‘हमारे लोकतंत्र की बुनियाद है कि सांसद, जनता की आवाज़ बनकर राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा करें। मोदी सरकार विपक्ष को ये काम नहीं करने दे रही। संसद का और समय व्यर्थ मत करो- करने दो महंगाई, किसान और पेगासस की बात!’