राहुल का कश्मीर दौरा
कांग्रेस लीडर बोले- सरकार की आर्थिक नीतियों ने देवी लक्ष्मी की शक्तियों को कम किया, कश्मीर की संस्कृति को खत्म कर रहे BJP-RSS
कांग्रेस नेता राहुल गांधी दो दिन के जम्मू दौरे पर थे। दौरे के आखिरी दिन शुक्रवार को उन्होंने कहा कि माता वैष्णो देवी का मंदिर मुझे मेरे घर जैसा लगता है। मेरे परिवार का जम्मू-कश्मीर से पुराना नाता है। मैं भी एक कश्मीरी पंडित हूं। राहुल ने गुरुवार को माता वैष्णो देवी के दर्शन किए थे। वे 14 किलोमीटर पैदल चलकर मंदिर पहुंचे थे। जम्मू-कश्मीर के बाद वे लद्दाख भी जाएंगे।
राहुल ने कहा कि कल (गुरुवार) मैं मंदिर गया था। वहां मैंने तीन देवियों को देखा। दुर्गा जी, लक्ष्मी जी और सरस्वती जी। दुर्गा शब्द दुर्ग से आया है और दुर्गा का अर्थ है- वह शक्ति जो रक्षा करती है। देवी लक्ष्मी किसी लक्ष्य को हासिल करने की शक्ति का प्रतीक हैं और देवी सरस्वती ज्ञान की शक्ति हैं। जब देश में ये तीन शक्तियां होती हैं, तो राष्ट्र समृद्ध होता है। BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के नोटबंदी और GST समेत दूसरे आर्थिक फैसलों ने देश में देवी लक्ष्मी की शक्ति को कम किया है।
कश्मीरी पंडितों से मुलाकात की
राहुल ने बताया कि कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिला। उन्होंने मुझे बताया कि कांग्रेस ने उनके लिए कई योजनाएं लागू कीं, लेकिन BJP ने कुछ नहीं किया। मैं अपने कश्मीरी पंडित भाइयों से वादा करता हूं कि मैं उनके लिए कुछ करूंगा। मेरे दिल में जम्मू-कश्मीर की एक खास जगह है।
हाथ दिखाकर कहा- दारो चटाई (डरो मत)
राहुल जम्मू के त्रिकुटा में पार्टी पदाधिकारियों के सम्मेलन में शामिल हुए। यहां उनके साथ गुलाम नबी आजाद भी रहे।
जम्मू के त्रिकुटा में पार्टी पदाधिकारियों के सम्मेलन में राहुल ने कहा कि आप सभी के बीच मौजूद प्यार, भाईचारे की भावना को भाजपा और RSS बर्बाद कर रहे हैं। वे जम्मू-कश्मीर की मिली-जुली संस्कृति को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह आप सभी को कमजोर कर रहा है। आप खुद देख सकते हैं कि यहां की अर्थव्यवस्था, पर्यटन, व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
राहुल ने कार्यकर्ताओं की ओर हाथ दिखाकर कहा कि हाथ का मतलब है-दारो चटाई यानी डरो मत। आपने भगवान शिव और वाहे गुरु की तस्वीरों में हाथ देखा होगा। भाजपा ने जम्मू-कश्मीर को कमजोर कर दिया है। राज्य का दर्जा छीन लिया। जम्मू-कश्मीर को अपना राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए। इस दौरान पार्टी के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद भी मौजूद रहे।