राहुल गाँधी का पीएम मोदी पर तीखा प्रहार कहा कोरोना वायरस की चिंता करें, सोशल मीडिया पर मज़ाक कर भारत का समय बर्बाद न करें
पीएम मोदी ने कल एक ट्वीट कर कहा था कि वह रविवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट छोड़ने वाले हैं। जिसके बाद पूरा विपक्ष पीएम मोदी पर हमलावर हो गया था। वहीँ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गाँधी ने पीएम मोदी पर तंज कस्ते हुए कहा था कि नफरत छोडो सोशल मीडिया नहीं। वहीँ पीएम मोदी के ट्वीट के 16 घंटे बाद पीएम मोदी ने कहा की वह अपने सभी अकाउंट विमेंस डे के दिन एक ऐसी नारी को देंगे जिनसे वे प्रेरित हुए हैं। यानी पीएम मोदी सोशल मीडिया नहीं छोड़ रहे हैं। वहीँ राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर फिर से तंज कसा है। इस बार राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि अपने सोशल मीडिया अकाउंट से मजाक कर भारत का समय बर्बाद करना बंद कीजिए। भारत आपातकाल से गुजर रहा है। अभी कोरोना वायरस भारत के लिए चुनौती बना है, जिससे निपटने पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि राहुल गांधी ने इस ट्वीट में पीएम मोदी को नहीं बल्कि पीएमओ को ट्वीट किया है।
Dear @PMOIndia,
Quit wasting India's time playing the clown with your social media accounts, when India is facing an emergency. Focus the attention of every Indian on taking on the Corona virus challenge.
Here's how it's done..#coronavirusindia pic.twitter.com/jLZG5ISjwt
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 3, 2020
राहुल गाँधी ने कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रकोप पर चिंता ज़ाहिर की है। राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि जीवन में कई पल ऐसे भी आते हैं जब देश अपने नेताओं को परखता है। एक सच्चे नेता का पूरा ध्यान सामूहिक संकट से निपटने पर होता है। कोरोना वायरस का असर भारत और भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।
There are moments in the life of every nation when its leaders are tested. A true leader would be completely focused on averting the massive crisis about to be unleashed by the virus on India and its economy. #coronavirusindia https://t.co/SuEvqMFbQd
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 3, 2020
राहुल गांधी ने कहा कि “कोरना वायरस हमारी जनता के लिए बेहद गंभीर खतरा है। यह हमारी अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरनाक है। मुझे लगता है कि इस बीमारी की गंभीरता पर सरकार का ध्यान नहीं है। समय से एक्शन न लेना खतरनाक साबित हो सकता है।