भारत जोड़ो यात्रा के दौरान क्या है राहुल गांधी का डेली रूटीन
भारत जोड़ो यात्रा के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिन की शुरुआत प्रतिदिन सुबह 5 बजे होती है. नित्य क्रिया से निपटकर वह अपने घुटनों का फिजियोथेरेपी कराते हैं
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा अभियान के तहत पदयात्रा पर हैं. 150 दिनों तक चलने वाला कांग्रेस का यह अभियान कन्याकुमारी से कश्मीर तक 12 राज्यों से होकर गुजरेगा. इस दौरान राहुल गांधी और उनके सहयात्री तकरीबन 3,500 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. न्यूज 18 ने भारत जोड़ो यात्रा के साथ एक दिन बिताकर राहुल गांधी की दिनचर्या के साथ ही सहयात्रियों और आमलोगों का मूड जानने की कोशिश की है. बता दें कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के तहत तमिलनाडु और केरल से होते हुए कर्नाटक पहुंचे हैं. यह अभी तक का पहला भाजपा शासित प्रदेश है, जहां कांग्रेस का यह अभियान चल रहा है.
5 बजे सुबह से दिन की शुरुआत
भारत जोड़ो यात्रा के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिन की शुरुआत प्रतिदिन सुबह 5 बजे होती है. नित्य क्रिया से निपटकर वह अपने घुटनों का फिजियोथेरेपी कराते हैं. राहुल गांधी सुबह 6 बजे होने वाले झंडोत्तोलन के लिए पहुंचने वाले पहले व्यक्तियों में से एक होते हैं. इसके बाद राहुल गांधी पदयात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं. आमतौर पदयात्रा वहीं से शुरू होती है, जहां भारत जोड़ो यात्रा की टीम रात गुजारती है. सदस्यों के जुटने के साथ ही राहुल गांधी का कारवां चल पड़ता है. टीम में शामिल लोग बताते हैं कि राहुल गांधी काफी तेजी से चलते हैं, जो उनके शारीरिक फिटनेस को दिखाता है. शुरुआत में 60 प्लस एजग्रुप के नेता और सहयात्री उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं, लेकिन शारीरिक अवस्था के चलते समय बीतने के साथ उनकी गति धीमी पड़ जाती है. उनके एक सहयात्री बताते हैं कि राहुल गांधी एक दिन में तकरीबन 18 से 20 किलोमीटर की दूरी तय कर लेते हैं. आमलोग भी राहुल गांधी के साथ कदमताल करना चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से यह संभव नहीं हो पाता है.
राहुल से मिलने की इच्छा
दिन चढ़ने के साथ ही धूप भी तीखी होती जाती है, इसके बावजूद राहुल गांधी मुस्कुराते चेहरे के साथ लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए आगे बढ़ते रहते हैं. बड़ी तादाद में लोग राहुल से मिलने की उम्मीद में इकट्ठा होते हैं. राहुल इनमें से कुछ लोगों को मिलने के लिए पास भी बुलाते हैं. वह उस शख्स के कंधे पर हाथ रखकर चलते-चलते सवाल पूछते रहते हैं. यदि कोई बच्चा हो तो राहुल उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने भी लगते हैं. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा बताते हैं कि राहुल गांधी के साथ चलना आसान नहीं है. वह दिन में भी सुबह की ही तरह फ्रेश लगते हैं. आमलोग उन्हें और हम सबको काफी ऊर्जा प्रदान करते हैं.
अपनापन और भावनात्मक कनेक्शन
सवाल उठता है कि भीड़ में मौजूद लोगों में से किनसे मिलना है, राहुल गांधी यह कैसे तय करते हैं? भारत जोड़ो यात्रा में उनके साथ लगातार चल रहे केसी वेणुगोपाल बताते हैं कि कांग्रेस नेता के पास स्पेशल कनेक्शन और मैजिक है. वह बताते हैं कि राहुल गांधी ने अभी तक जितने लोगों को मिलने के लिए बुलाया है, वे सब इसके योग्य थे. राहुल कहते हैं कि जो इंसान दुख-दर्द को समझता है, वह हमेशा इसे दूसरों में देख सकता है. इस आधार पर ही वह उस व्यक्ति को मिलने के लिए बुलाते हैं, जिन्हें हकीकत में मदद की जरूरत होती है. केसी वेणुगोपाल ने बताया कि तिरुअनंतपुरम में एक 80 वर्षीय महिला राहुल से मिलने के लिए तकरीबन 2 किलोमीटर दौड़ती चली आई. उन्होंने भीड़ में भी उन्हें पहचान लिया और उनसे मुलाकात भी की.