Rahul Gandhi ने स्वीकार की 2011 की जाति जनगणना नीति में गलती, भाजपा के आरोपों को किया खारिज

Rahul गांधी ने सोमवार को यह स्वीकार किया कि यूपीए सरकार के तहत 2011 में जाति आधारित जनगणना नीति को लागू न करना एक गलती थी।

रांची में एक महत्वपूर्ण बयान में, कांग्रेस नेता Rahul गांधी ने सोमवार को यह स्वीकार किया कि यूपीए सरकार के तहत 2011 में जाति आधारित जनगणना नीति को लागू न करना एक गलती थी। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण (NSS) के दौरान जाति आधारित डेटा एकत्रित किया गया था, लेकिन उसे जनता के लिए जारी नहीं किया गया। Rahul गांधी का यह बयान उस समय आया जब देश में जाति जनगणना को लेकर बहस तेज हो रही है और विभिन्न राजनीतिक दल इसे अपने-अपने तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं।

Rahul गांधी ने इस दौरान कहा, “जाति जनगणना देश के भविष्य और उसकी प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि हम सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को ठीक से समझने और उन्हें दूर करने की योजना बनाना चाहते हैं, तो यह एक जरूरी कदम है।” Rahul ने यह भी कहा कि उनके द्वारा उठाए गए इस मुद्दे से देश को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे जातिगत असमानताओं को कम किया जा सकेगा।

भाजपा के ‘वोट बैंक की राजनीति’ आरोपों को किया खारिज

Rahul गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा और उनके समर्थक लगातार कांग्रेस और उनके खिलाफ यह आरोप लगाते हैं कि वे “वोट बैंक की राजनीति” के लिए जाति के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि यह आरोप आधारहीन और झूठे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे लिए जाति जनगणना का उद्देश्य समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों के लिए बेहतर नीति बनाना है, न कि किसी विशेष समुदाय या वोट बैंक को साधने के लिए।”

Rahul गांधी ने भाजपा के इस आरोप को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह उन लोगों का विरोध है, जो समाज की असल समस्याओं और असमानताओं को नजरअंदाज करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जाति आधारित जनगणना सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह नीति निर्धारण में मदद करने और समाज के हर वर्ग की वास्तविक स्थिति को समझने का एक जरिया है।

जाति जनगणना के समर्थन में कांग्रेस का रुख

कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी लंबे समय से जाति आधारित जनगणना की पक्षधर रही है। राहुल गांधी ने कहा, “हमने हमेशा जाति जनगणना का समर्थन किया है क्योंकि यह समाज के हर तबके की वास्तविक स्थिति को जानने में मदद करता है। यह न केवल विकास की योजना बनाने में सहायक होगा, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।”

राहुल गांधी ने कहा कि जाति आधारित जनगणना से सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन में मदद मिलेगी, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों को बेहतर सहायता और अवसर मिल सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम इस डेटा को एकत्रित नहीं करेंगे, तब तक हम सही तरीके से नीति बनाने में सक्षम नहीं होंगे, जो हर समुदाय की जरूरतों को पूरा कर सके।

 कांग्रेस की नीति पर राहुल गांधी का जोर

Rahul गांधी का यह बयान कांग्रेस पार्टी की लंबे समय से चली आ रही जाति जनगणना नीति के पक्ष में एक और कदम है। उन्होंने भाजपा द्वारा किए जा रहे हमलों का जोरदार तरीके से जवाब दिया और जाति आधारित जनगणना को सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक बताया। उनका मानना है कि केवल जाति जनगणना के माध्यम से ही हम समाज के विभिन्न वर्गों की वास्तविक स्थिति को समझ सकते हैं और इस आधार पर प्रभावी नीति बना सकते हैं।

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Rahul गांधी ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस का उद्देश्य “वोट बैंक की राजनीति” नहीं है, बल्कि वह समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों के लिए न्याय और समानता सुनिश्चित करना चाहती है।

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