Rahul और प्रियंका गांधी संभल जाते समय गाज़ीपुर बॉर्डर पर रोके गए

Rahul गांधी और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को गाज़ीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया। वे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से होकर पिछले महीने हिंसा प्रभावित संभल जिले की

हिंसा प्रभावित संभल की ओर बढ़ रहे थे Rahul गांधी भाई-बहन 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता Rahul गांधी और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को गाज़ीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया। वे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से होकर पिछले महीने हिंसा प्रभावित संभल जिले की ओर जा रहे थे। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, संभल में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने के कारण यह कदम उठाया गया।

हिंसा के बाद सुरक्षा बढ़ाई गई

पिछले महीने संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई थी। इस हिंसा के मद्देनजर प्रशासन ने जिले में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं और किसी भी असामाजिक गतिविधि को रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाए हैं। जिला प्रशासन ने गांधी भाई-बहन को रोकने के पीछे शांति व्यवस्था बनाए रखने का हवाला दिया है।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन शामिल?

Rahul और प्रियंका गांधी के साथ इस प्रतिनिधिमंडल में उत्तर प्रदेश के पांच अन्य कांग्रेस सांसद भी शामिल हैं। ये नेता हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेना चाहते थे और पीड़ित परिवारों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनना चाहते थे। कांग्रेस ने इस कदम को संवेदनशीलता और समर्थन का प्रतीक बताया है।

प्रशासन का पक्ष

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि संभल जिले में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण किसी भी राजनीतिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती। उनका कहना है कि कांग्रेस के नेताओं की यात्रा से जिले में तनाव बढ़ सकता है और शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका है।

कांग्रेस का विरोध

कांग्रेस ने इस रोक का कड़ा विरोध किया है। पार्टी ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया और आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि पीड़ितों से मिलना और उनकी समस्याएं सुनना हर नागरिक का अधिकार है, जिसे प्रशासन ने छीन लिया है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। कांग्रेस के इस दौरे को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में पार्टी के मजबूत जनाधार बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा और अन्य दलों ने कांग्रेस के इस कदम को राजनीतिक स्टंट करार दिया है।

संभल में स्थिति संवेदनशील

संभल जिले में अब भी स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी कर रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई गई है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।

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Rahul और प्रियंका गांधी को रोके जाने की घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह मामला न केवल कांग्रेस और प्रशासन के बीच टकराव को दर्शाता है, बल्कि उत्तर प्रदेश की संवेदनशील राजनीतिक स्थिति को भी उजागर करता है।

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