IT कंपनियों के बचाव में उतरे रघुराम राजन, ‘क्या आप सरकार को राष्ट्र विरोधी कहेंगे?’
नई दिल्ली. टैक्स फाइलिंग वेबसाइट में आ रही गड़बड़ियों के चलते सरकार और निजी फर्मों की नाराजगी का सामना कर रही इंफोसिस (Infosys) समेत आईटी कंपनियों (IT Companies) के बचाव में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर डॉक्टर रघुराम राजन (Dr Raghuram Rajan) उतरे हैं. उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण के मामले में कथित खराब प्रदर्शन के चलते क्या सरकार को राष्ट्र विरोधी कहा जाएगा? राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी एक पत्रिका ने वेबसाइट में सुधार नहीं करने के चलते इंफोसिस पर निशाना साधा था.
एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में डॉक्टर राजन ने कहा, ‘यह मुझे एकदम निर्रथक लगा. क्या आप शुरुआत में वैक्सीन के मामले में अच्छा काम नहीं करने के चलते सरकार पर राष्ट्र विरोधी होने का आरोप लगाएंगे? यह गलती है और लोग गलतियां करते हैं.’ इस दौरान उन्होंने उदाहरण के तौर पर जीएसटी को लागू किए जाने का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि यह और भी बेहतर हो सकता था.
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि जीएसटी का सामने आना शानदार रहा. यह और भी बेहतर हो सकता है… लेकिन उन गलतियों से सीखें और अपने खुद के पूर्वाग्रहों के लिए उसे एक क्लब के तौर पर इस्तेमाल न करें.’ इंटरव्यू के दौरान डॉक्टर राजन ने अर्थव्यवस्था की स्थिति, सुधार, उद्योगों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलावों की ओर इशारा किया कि छोटी कंपनियों और लिस्टेड कंपनियों की तुलना में औपचारिक फर्म विशेष रूप से ज्यादा मुनाफा हासिल कर रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम अर्थव्यवस्था को जबरन औपचारिक होते हुए देख रहे हैं. हमने लघु और मध्यम कारोबार को उतना समर्थन नहीं दिया, जितना अन्य देशों ने दिया है.’ साथ ही उन्होंने कहा कि बढ़ते राजस्व को राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं किया जाता. डॉक्टर राजन ने कहा, ‘राज्य सरकारों की वित्त व्यवस्था बुरे हाल में है. केंद्र ने सेंट्रल सेस के जरिए राजस्व का बड़ा हिस्सा निगल लिया है.’ इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘भारत विशेष रूप से केवल केंद्र से चलाए जाने के लिए काफी बड़ा हो रहा है.’
आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि फैसले बहुत देरी से लिए जाते हैं. इसके अलावा राजन ने सरकारी बैंकों में CEO की नियुक्ति का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, ‘यह दिखाता है कि सरकार बहुत काम में दबी हुई है… कई लोग मार्गदर्शन के लिए केंद्र की तरफ देख रहे हैं और उन्हें वह मिल नहीं रहा है. इसके परिणामस्वरूप हम लकवाग्रस्त हो गए हैं.’