हैमर मिसाइल से लैस होकर और खतरनाक होगा राफेल
नई दिल्ली। तीन और फाइटर जेट राफेल देने के साथ ही फ्रांस ने इस लड़ाकू विमान को हवा से जमीन पर मार करने वाली ऑल वेदर मिसाइल हैमर से लैस करने पर सहमति व्यक्त की है। भारतीय वायु सेना को इस महीने के अंत तक फ्रांस से बड़ी संख्या में हैमर मिसाइलें प्राप्त होंगी। अब भारतीय राफेल जेट की क्षमता और बढ़ेगी क्योंकि हाइली एजाइल एंड मैनोवरेबल म्यूनिशन एक्टेंडेड रेंज (हैमर) हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट के जरिए चलने वाली मिसाइल किट है। दूसरी खेप में बुधवार रात भारत पहुंचे तीन और राफेल के बाद अब वायुसेना के बेड़े में हुए कुल आठ फाइटर जेट राफेल हो गए हैं।
लड़ाकू विमान राफेल में हवा से हवा में मार करने वाली तीन तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं, जिनमें मीटियोर मिसाइल, स्कैल्प मिसाइल और हैमर मिसाइल हैं। भारतीय वायुसेना को पहले बैच में 29 जुलाई को मिले पांच राफेल लड़ाकू विमानों में मीटियोर और स्कैल्प मिसाइल लगाकर ऑपरेशनल करके कई मोर्चों पर तैनात किया गया है। राफेल में अभी जो मिसाइलें लगी हैं, वो सीरिया, लीबिया जैसी जगहों में इस्तेमाल हो चुकी हैं। फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा होते समय भारत ने बजट के अभाव में फ्रांस से महंगे हैमर सिस्टम्स लेने के बजाय इजरायली स्पाइस-2000 बम से ही काम चलाने का निर्णय लिया था। दरअसल किसी भी हथियार की कीमत उसके साथ लिए जाने वाले सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की वजह से घटती-बढ़ती है, इसीलिए अपने बजट के अन्दर रहकर यह डील फाइनल की गई थी।
पहली खेप में पांच राफेल की आपूर्ति के समय जुलाई में आनन-फानन में हैमर सिस्टम्स लेने के लिए फ्रांस को ऑर्डर किया गया था। सितम्बर, 2020 में भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच हैमर कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसकी आपूर्ति आम तौर पर एक साल में होनी थी लेकिन फ्रांस ने भारत की जरूरत को तत्काल पूरा करने के लिए भारतीय राफेल को ऑल वेदर मिसाइल हैमर से लैस करने पर सहमति व्यक्त की है। अब दूसरी खेप में तीन और राफेल विमानों की आपूर्ति होने के बाद इस महीने के अंत तक बड़ी संख्या में हैमर सिस्टम्स भारतीय वायु सेना को मिलने वाले हैं। हैमर से पहले राफेल में लगी 300 किलोमीटर की रेंज वाली स्कैल्प मिसाइल इसे सबसे ज्यादा मारक बनाती है। इसके अलावा मीटियोर मिसाइल का एयर-टू-एयर निशाना अचूक है। अब राफेल में लगने वाली हैमर मिसाइल काफी खतरनाक है, जिसे जीपीएस के बिना भी 70 किलोमीटर की रेंज से लॉन्च किया जा सकता है।
फ्रांस से नॉन-स्टॉप उड़ान के बाद दूसरी खेप में 3 राफेल विमान बुधवार को रात 8 बजकर 14 मिनट पर भारतीय वायुसेना के जामनगर एयरबेस पर पहुंचे हैं। पहली खेप में मिले 5 राफेल जेट 10 सितम्बर को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हुए थे। इस तरह अब वायुसेना के बेड़े में हुए कुल आठ फाइटर जेट राफेल हो गए हैं। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने वायुसेना दिवस पर बताया था कि सभी 36 राफेल जेट को 2023 तक शामिल कर लिया जाएगा।