भारत को मिला पहला राफेल, यूं पाकिस्तान और चीन की सीमा पर होगी तैनाती
मंगलवार शाम भारत को फ्रांस से पहला राफेल लड़ाकू विमान मिला । फ्रांस से भारत को कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Aircraft) मिलेंगे । ये राफेल विमान पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) से सीमाओं की सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे । वायुसेना ने पाकिस्तान और चीन की सीमा (Border Security) को और मजबूत करने के लिए फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है । इस प्लान के तहत फ्रांस से मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमान को बराबर-बराबर संख्या में दोनों देशों की सीमाओं पर तैनात किया जाएगा ।
36 विमानों में से 18 राफेल विमान अंबाला वायुसेना बेस (Ambala AirForce Base) में तैनात किए जाएंगे, जबकि 18 पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हाशिमारा बेस (Hashmara Airbase) में तैनात होंगे । दोनों देशों से लगातार मिलने वाली चुनौती को देखते हुए वायुसेना ने राफेल की तैनाती को लेकर पहले से ही सभी तैयारी पूरी कर ली हैं । भारत को फ्रांस से पहला राफेल विमान मिल गया है, लेकिन उसे भारत पहुंचने में अभी वक्त लगेगा । तब तक राफेल को उड़ाने के लिए भारतीय पायलटों को फ्रांस में प्रशिक्षण दिया जा रहा है । जानकारी के मुताबिक, चार राफेल विमानों की पहली खेप अगले साल मई में अंबाला एयरबेस पहुंच जाएगी । इसके बाद कुछ ही महीनों के अंदर चार-चार राफेल की एक और खेप फ्रांस से सीधे अंबाला और हाशिमारा एयरबेस पर पहुंचेगी ।
भारतीय सेना में तेजस और राफेल
गौरतलब है कि अगले दो से तीन सालों में यानी अक्टूबर 2022 तक सभी 36 राफेल विमान भारत को सौंप दिए जाएंगे । इसके साथ ही राफेल से अलग 114 लड़ाकू विमानों की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई है । हालांकि, ये अभी तक तय नहीं हो सका है कि इन विमानों को किन देशों से खरीदा जाना है । बता दें कि पिछले महीने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस को भी भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल करने की घोषणा की थी । ऐसे में अब भारतीय सेना में दो अतिआधुनिक लड़ाकू विमान शामिल हो गए हैं ।