भारत के रास्ते अफगानिस्तान की मंजिल तलाश रहे बांग्लादेशी युवा, तालिबान से जुड़ने का है इरादा

अफगानिस्तान में तालिबान का राज भारत के लिए एक नई समस्या खड़ी कर रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ बांग्लादेशी युवा भारत के रास्ते अफगानिस्तान जाने की फिराक में हैं। इन युवाओं की मंशा तालिबान में शामिल होने की है। इसकी भनक लगते ही भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ अलर्ट हो गई है। ढाका के पुलिस कमिश्नर शफीकुल इस्लाम ने बताया कि यह युवा किसी भी तरह अफगानिस्तान पहुंचना चाहते हैं। हालांकि इनकी संख्या कितनी है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। यह बात भी गौर करने वाली है कि करीब 20 साल पहले बड़ी संख्या में बांग्लादेशी युवा तालिबान से जुड़ने के लिए अफगानिस्तान की यात्रा कर चुके हैं।

बीएसएफ हो गई है अलर्ट 
ढाका के पुलिस कमिश्नर शफीकुल इस्लाम से इस बारे में सूचना मिलते ही बीएसएफ अलर्ट हो गई है। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक बीएसएफ दक्षिणी बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी एसएस गुलेरिया ने कहा कि हमारी सेना अलर्ट मोड पर है। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी इस तरह की गतिविधि में शामिल युवा को गिरफ्तार नहीं किया गया है। एसएस गुलेरिया ने कहा कि बांग्लादेश के अधिकारियों ने अपने भारतीय समकक्षों को इस बारे में जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि वहां पर कुछ गुट अफगानिस्तान में तालिबान का राज होने से काफी खुश हैं।

सीमा पर जवानों की हो चुकी है तैनाती
यह बात भी गौर करने वाली है कि तालिबान खुद भी बांग्लादेशी युवाओं से इस तरह की अपील कर चुका है। इसमें उसने युवाओं से तालिबान से जुड़ने की अपील की थी। इस बीच बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह काफी सतर्क हैं और अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। वहीं बांग्लादेश की तरफ से इस संदर्भ में चिंता जताए जाने के बाद बीएसएफ भी इस दिशा में पूरी तरह से सजग है और सीमा पर जवानों की तैनाती कर दी है।

भारत के रास्ते वीजा की तलाश
बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश के अतिवादी गुटों में तालिबान के उभार पर उत्साह है। उन्होंने बताया कि हालांकि बांग्लादेशी सरकार ने इन अतिवादियों को कुचलने में कोई कसर नहीं रखी थी। लेकिन यह भी एक बड़ा सच है कि यह सभी गुट फिलहाल तालिबान के संपर्क में हैं। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि यह युवा अतिवादी भारत के रास्ते तालिबान पहुंचने का रास्ता तलाश रहा है। इसकी वजह यह है कि उन्हें लगता है कि भारत के जरिए उन्हें आसानी से वीजा मिल जाएगा।

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