एलिज़ाबेथ के निधन के बाद ताज में लगे भारत के कोहिनूर हीरे का क्या होगा!
कोहिनूर 105 कैरेट का हीरा है, जो प्लेटिनम के एक माउंट के साथ ताज से जुड़ा हुआ है। ब्रिटिश ताज के सामने यह क्रॉस के पास लगा है।
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में निधन हो गया। ब्रिटेन की महारानी जिस ताज को खास कार्यक्रमों में पहनती थीं, उसी में भारत का मशहूर हीरा कोहिनूर लगा है। इसके अलावा भी मुकुट में 2,867 हीरे लगे हैं। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर महारानी की मौत के बाद कोहिनूर हीरा भला किसका होगा। एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद से ट्विटर पर कोहिनूर ट्रेंड कर रहा है और लोग इसे लेकर सवाल पूछ रहे हैं। दरअसल य मुकुट अगली महारानी को सौंपा जाएगा।
दरअसल ब्रिटेन की नई महारानी डचेस ऑफ कॉर्नवाल कैमिला होंगी जो एलिजाबेथ द्वितीय के सबसे बड़े बेटे और उत्तराधिकार में सबसे आगे प्रिंस चार्ल्स की पत्नी हैं। महारानी की मौत के बाद अब प्रिंस चार्ल्स भी राजा बन जाएंगे। जिस मुकुट की बात की जा रही है उसे वास्तव में राजा जॉर्ज छठे की ताजपोशी के लिए 1937 में बनाया गया था। इसके अलावा ताज में कई कीमती पत्थर भी लगे हैं। ताज में 1856 में तुर्की के तत्कालीन सुल्तान द्वारा महारानी विक्टोरिया को तोहफे में दिया गया एक बड़ा पत्थर भी है। ये उन्होंने क्रीमिया युद्ध में ब्रिटिश सेना के समर्थ के प्रति अपना आभार जताने के लिए दिया था।
राजकुमार चार्ल्स बनेंगे राजा
कोहिनूर 105 कैरेट का हीरा है, जो प्लेटिनम के एक माउंट के साथ ताज से जुड़ा हुआ है। ब्रिटिश ताज के सामने यह क्रॉस के पास लगा है। क्वीन एलिजाबेथ ने इसी साल घोषणा की थी कि प्रिंस चार्ल्स के राजा बनने पर डचेस कैमिला को भी क्वीन की उपाधि दी जाएगी। ऐसे में राजकुमार चार्ल्स के राज्याभिषेक के दौरान कैमिला को ही कोहिनूर के साथ ताज सौंपा जाएगा।
कोहिनूर के बारे में
लगभग 800 साल पहले भारत में एक चमचमाता पत्थर मिला था, जिसे कोहिनूर नाम दिया गया। कोहिनूर हीरा दुनिया के सबसे बड़े हीरे में से एक है। कूह-ए-नूर का मतलब रोशनी का पर्वत होता है। कहा जाता है कि ये भारत की गोलकुंडा खदान में मिला था। 1849 में जब ब्रिटिश उपनिवेश पंजाब में आया तो इसे अंतिम सिख शासक दलीप सिंह ने महारानी को भेंट किया था। कोहिनूर के साथ एक मिथक भी जुड़ा हुआ है। वह ये कि ये हीरा स्त्री स्वामियों के लिए भाग्यशाली है वहीं पुरुष स्वामियों के लिए ये दुर्भाग्य और मृत्यु का कारण बन सकता है।