क्या है quad समूह?

QUAD की बैठक में भारत समेत 4 देशों ने चीन की दुखता रग पर रखा हाथ, अफसरों ने ड्रैगन को सबसे ज्यादा चुभने वाले मुद्दे पर की चर्चा

समुद्र में बढ़ती चीन की दादागिरी के मद्देनजर एक बार फिर से क्वाड देशों के बीच बैठक हुई। इस बैठक में क्वाड देशों के अधिकारियों ने चीन को सबसे अधिक चुभने वाला मुद्दा उठाया और उस पर गहन चर्चा की। भारत और क्वाड के तीन अन्य सदस्य देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लक्ष्य को हासिल करने के साथ बुनियादी ढांचे, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद रोधी उपाय और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। बता दें कि क्वाड से चीन चिढ़ता रहा है और इसे अपने लिए एक खतरे के रूप में देखता है।

बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि अधिकारियों ने आपसी हित के कई विषयों पर चल रहे सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। इनमें क्षेत्र में रणनीतिक चुनौतियां, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देना, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को मजबूत करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के कमजोर देशों का समर्थन करना शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि 12 मार्च को डिजिटल तरीके से आयोजित शिखर सम्मेलन में मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों के बीच महत्वपूर्ण चर्चा को आगे बढ़ाने की दिशा में बैठक आयोजित की गई।

एक अलग बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि चर्चा ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में कोविड-19 के व्यापक प्रभाव और महामारी को रोकने तथा स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान किया। जापान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक में पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर विचार-विमर्श के अलावा टीकों, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में सहयोग के लिए प्रगति की भी समीक्षा की गई।

 

दरअसल, क्वाड समूह में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। भारत और अमेरिका का मानना है कि क्वाड साझा हितों पर आधारित साझेदारी है। इसे एक विशेष समूह बनाने का इरादा नहीं है। कोई भी देश जो स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की वकालत करता है, वह इसका हिस्सा किसी न किसी रूप में बन सकता है। कोविड के दौरान इसे और भी प्रभावी तरीक़े से महसूस किया गया है। अमेरिका, भारत सहित क्वाड के अन्य देशों ने कोविड सहयोग के विस्तार के लिए क्वाड के मंच का उपयोग किया है।

 

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