लखबीर सिंघु बॉर्डर क्यों गया:पंजाब सरकार हत्या के पीछे साजिश की जांच करेगी
रंधावा बोले- बाबा और तोमर के कनेक्शन की जांच जरूरी

पंजाब सरकार को लगता है कि सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की हत्या और सरेंडर करने वाले 4 निहंगों के दल प्रमुख बाबा अमन सिंह की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के पीछे कोई गहरी साजिश है। पंजाब सरकार ने इस मामले की जांच कराने का फैसला किया है।
पंजाब के डिप्टी CM और गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने अमृतसर और तरनतारन जिला प्रशासन से इस बात का पता लगाने को कहा है कि लखबीर सिंघु बॉर्डर पर कैसे पहुंचा और उसे वहां कौन लेकर गया था।
रंधावा ने इस बात की आशंका भी जताई है कि दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लखबीर की सिंघु बॉर्डर पर हत्या कर के किसानों के आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची गई थी। रंधावा ने कहा कि लखबीर की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले निहंग जिस दल से ताल्लुक रखते हैं, उसके प्रमुख बाबा अमन सिंह की केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर और पंजाब पुलिस के बर्खास्त इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह पिंकी के साथ जो फोटो वायरल हो रही है, उसकी भी जांच कराई जाएगी।
पंजाब सरकार अपने लेवल पर कराएगी जांच
पंजाब के गृहमंत्री रंधावा ने कहा कि निहंग बाबा अमन सिंह के तोमर के संपर्क में होने का खुलासा होने के बाद लखबीर की हत्या से जुड़े केस ने नया मोड़ ले लिया है। रंधावा के अनुसार, पंजाब सरकार यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि अनुसूचित जाति और बेहद गरीब परिवार से होने के बावजूद लखबीर सिंह को तरनतारन जिले में उसके गांव चीमा से सिंघु बॉर्डर पर कौन लेकर गया।
लखबीर की बहन राजकौर पहले ही कह चुकी है कि लखबीर के पास तो अपनी रोटी के लिए भी पैसे नहीं होते थे। गृहमंत्री ने तरनतारन और अमृतसर जिला प्रशासन को उन वजहों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं जिनकी वजह से लखबीर अपने गांव से सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा।
अमन सिंह को खुद देना चाहिए स्पष्टीकरण
रंधावा ने कहा कि बाबा अमन सिंह को खुद सामने आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि वे केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के साथ मीटिंग में क्यों गए थे। क्या उन्हें इसके लिए खेती कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुआई कर रही किसान यूनियनों ने कहा था।
सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्टूबर को लखबीर सिंह की हत्या कर उसका शव बैरिकेड से लटका दिया गया था।
अगर साजिश हुई तो सरकार बेनकाब करेगी
रंधावा ने कहा कि किसान आंदोलन के महत्व और सिंघु बॉर्डर पर निहंग जत्थेबंदियों के डेरे को देखते हुए बाबा अमन सिंह को चाहिए था कि वह केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलने से पहले किसान यूनियनों को सूचित करते और मीटिंग के बाद उसका अपडेट भी यूनियनों को बताते।
बाबा अमन सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री के मीटिंग की तस्वीरें सामने आने के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं जिनके जवाब जरूरी हैं। अगर इसमें किसी तरह की कोई साजिश है तो पंजाब सरकार उसकी जड़ तक पहुंचने और दोषियों को बेनकाब कर सजा दिलाने के लिए हर संभव कोशिश करेगी।
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