आईएस से संबंध रखने वाले 13 आरोपियों को सजा का ऐलान
नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आईएस से संबंध रखने के मामले में दोषी करार दिए गए 13 आरोपितों को शुक्रवार को पांच से दस साल की सजा सुनाई है। स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने एक आरोपी को दस साल, तीन आरोपितों को सात-सात साल, एक आरोपित को छह साल और आठ आरोपितों को पांच-पांच साल की सजा का ऐलान किया है।
पिछले 11 सितंबर को कोर्ट इन आरोपियों को देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं को रिक्रूट करने के मामले में दोषी करार दे चुका है। कोर्ट ने नफीस खान को दस साल, अबू अनस, मुफ्ती अब्दुल सामी कासमी, और मुदब्बिर मुश्ताक शेख को सात-सात साल, अमजद खान को छह साल, ओबैदुल्लाह खान, नजमुल होदा, मोहम्मद अफजल, सुहैल अहमद, मोहम्मद अलीम, मोईनुद्दीन खान, आसिफ अली और सैयद मुजाहिद को पांच-पांच साल की कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इन आरोपियों को यूएपीए की धारा 18 के तहत दोषी पाया था। इन सभी आरोपियों ने अपने आरोप कबूल कर लिए थे। इन आरोपियों की ओर से वकील कौसर खान ने कोर्ट ने कम से कम सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि आरोपी बिना किसी दबाव के आरोप कबूल कर रहे हैं।
कौसर खान ने कहा कि आरोपियों को अपनी गलती का एहसास है और वे ग्लानि महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरोपी आगे से ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। इन आरोपियों का जेल में व्यवहार संतोषप्रद रहा है। जेल प्रशासन ने उनके खिलाफ कुछ भी विरोधी टिप्पणी नहीं की है। इन दोषियों के खिलाफ एनआईए ने 9 दिसंबर 2015 को भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के तहत केस दर्ज किया था। एनआईए के मुताबिक इन आरोपियों ने आपराधिक साजिश रचते हुए भारत में आईएस का पांव जमाने की कोशिश की थी। इस मामले में एनआईए ने 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। 16 आरोपियो में से छह आरोपियों को कोर्ट ने पिछले 6 अगस्त को दोषी ठहराया था।