तलवारें, भाले, डंडे और हथियार लेकर लाल किले पर आए थे प्रदर्शनकारी : घायल पुलिसकर्मी
ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) के दौरान लाल किले (Red Fort) में हुई हिंसा के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मी ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिकर्मी का कहना है कि प्रदर्शनकारी अपने साथ हथियार लेकर आए हैं। आपबीती सुनाते हुए वजीराबाद के एसएचओ जो हिंसा के दौरान लाल किले पर तैनात थे कहा कि हमारी तैनाती लाल किले पर हुई थी, तभी बहुत से लोग लाल किले का दरवाजा से अंदर घुस गए।
एसएचओ ने बताया कि ये लोग लाल किले के अंदर घुसने के बाद रैमपैंट पर चले गए। हम लोग भी उनके पीछे गए और उनको हटाने की कोशिश की। इस दौरान ये गुस्सा हो गए। नीचे इन लोगों के पास तलवारें थी, भाले थे, डंडे थे और अन्य हथियार थे। इन लोगों ने हमारे साथियों पर हमला कर दिया। हमारे कई साथी घायल हो गए। हमारे एक साथी के सर पर बहुत ज्यादा चोट आ गई थी वो गिरने की स्थिति में था। मुझे लगा इसे यहां से निकालना होगा।
घायल पुलिसकर्मी को ले जाते हुए SHO पर किया हमला
एसएचओ ने कहा कि मैं प्रदर्शनकारियों से कह रहा था कि इसे अस्पताल ले जाने दो। हम आगे जाने लगे तो इन लोगों ने हम पर हमला कर दिया। बहुत सारे लोग थे। इन्होंने घायल पुलिसकर्मी को भी नहीं देखा। हमने बॉडी प्रोटेक्टर भी नहीं पहना हुआ था। हेलमेट पहना हुआ था, लेकिन किसी ने तलवार मारी और हेलमेट टूट गया। उसके बाद मैं बेहोश हो गया।
एसएचओ ने कहा हमने उनको रोकने की कोशिश की। फोर्स का उपयोग नहीं किया क्योंकि हमे लगा कि ये सब किसान है। अगर हम फोर्स का इस्तेमाल करते तो बहुत सारी जानें जा सकती थी। हमारे बहुत सारे साथी घायल हुए, इसके बाद भी हमने बस इनको रोकने की कोशिश की क्योंकि हमारी जवाबी कार्रवाई से बहुत नुकसान हो सकता था।
लाल किले के हुड़दंग में 40 पुलिसकर्मी घायल
बता दें कि 26 जनवरी को करीब 1:30 बजे तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन आईटीओ पुलिस हेड क्वार्टर से शुरू हुए हंगामे के बाद हजारों की संख्या में लोग चांदनी चौक और सिविल लाइन के रास्ते लाल किले पर पहुंचे और एकाएक उसके दरवाजे की एंट्री पर लगी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। इसमें से कुछ पैदल, कुछ ट्रैक्टर और यहां तक कि कुछ घोड़ों पर सवार होकर वहां पहुंचे थे। जिसके बाद हजारों की संख्या में किसान लाल किले की दीवारों पर चढ़ गए और उसे अपने कब्जे में ले लिया।
किसान ध्वज स्तंभ पर भी चढ़ गए। इसी बीच एक युवक ने लाल किले में ध्वज स्तंभ पर एक त्रिकोण आकार का झंडा फहरा दिया। पुलिस के अधिकारी और पैरामिलिट्री फोर्स मौके पर पहुंची और किसानों को हटाने की कोशिश की तभी हंगामा शुरू हो गया हो गया। मौके पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और बल प्रयोग किया गया। इस मौके पर पुलिस और किसानों की भिड़ंत में 40 से अधिक पुलिसकर्मी और 15 से ज्यादा किसान गंभीर रूप से घायल हुए हैं।