“देहरादून में बारिश से बचाव: लीवर-किडनी फेल होने का खतरा, ये सात घरेलू उपाय रखें ध्यान”
"मानसून में बीमारियों का खतरा: दूषित पानी और गंदे भोजन से बचने के सात असरदार उपाय, डॉक्टर की चेतावनी - समय रहते इलाज न हो तो किडनी और लीवर फेल होने की बढ़ सकती है आशंका"
दून मेडिकल कालेज की ओपीडी में हर दिन एक सैकड़ से अधिक मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है। यहाँ विभिन्न रोगों से पीड़ित रोगियों की चिकित्सा की जा रही है। ओपीडी में चिकित्सा अधिकारी और नर्सिंग स्टाफ लगातार काम कर रहे हैं, ताकि हर मरीज को समय पर उपचार मिल सके।
रोजाना इस अस्पताल में अनेक मरीज अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं। कुछ मामले गंभीर होते हैं, जबकि कुछ साधारण बीमारियों से ग्रस्त होते हैं। चिकित्सा टीम ने समय रहते उपचार प्रदान कर रोगियों को शीघ्र स्वस्थ करने का प्रयास किया जाता है।
इस संदर्भ में, डून मेडिकल कालेज की ओपीडी कार्यप्रणाली का दावा किया जाता है कि वहाँ की टीम ने निरंतर मरीजों की सेवा में जुटे रहकर सामाजिक जिम्मेदारी निभाई है। रोगियों के लिए इस प्रकार की उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसके माध्यम से वे अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
अस्पताल में दिनचर्या आम है, लेकिन हाल ही में बढ़ते रोगी आंकड़ों ने डून मेडिकल कॉलेज की ओपीडी को भर दिया है। यहां पर डॉक्टर और नर्सेज निरंतर कार्यरत हैं, हर समय तैयार रहते हैं क्योंकि हैजा, टाईफाड, हेपेटाइटिस, और उल्टी-दस्त जैसे गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों का बढ़ता दबाव है।
अस्पताल में प्रतिदिन कई ऐसे मरीज आते हैं, जिनकी हालत गंभीर होती है। डॉक्टरों ने त्वरित उपचार की योजना बनाई है, जिससे रोगियों को जल्दी ही आराम मिल सके। नर्सेज भी रोगियों की देखभाल में विशेषज्ञता से लगी हैं, उनका परिश्रम देखकर सबकी सराहना होती है।
यहां पर सेवाएं समय पर उपलब्ध हैं और चिकित्सा स्टाफ ने मरीजों को बचाव और उपचार में सहायक बनने के लिए पूरी कोशिश की है। रोगियों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराके, डून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा टीम ने समाज की सेवा में बड़ा योगदान दिया है।