पैगंबर मोहम्मद विवाद: योगी सरकार के बुलडोजर के खिलाफ रिटायर्ड जजों ने SC को लिखा पत्र, की ये मांग
पैगंबर मोहम्मद विवाद को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। वही इस विवाद को लेकर यूपी सरकर का शख्त कर्र्वाई जारी है।
लखनऊ: पैगंबर मोहम्मद विवाद को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। वही इस विवाद को लेकर यूपी सरकर का शख्त कर्र्वाई जारी है। ऐसे में योगी सरकार के बुलडोजर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के कई रिटायर्ड जजों और वरिष्ठ वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा को पत्र लिखकर संज्ञान लेने की मांग की है।
बुलडेजर कार्रवाई को लेकर जजों मे sc को लिखा पत्र- Up News
बता दे कि 6 रिटायर्ड जजों समेत 12 लोगों ने पैगंबर मोहम्मद विवाद के संदर्भ में पत्र में लिखा कि हाल में यूपी के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। जिसके बाद बड़े पैमाने पर लोगों को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया। घरों को बुलडोजर से तोड़ दिया गया। ये कार्रवाई गैरकानूनी है। नियमों के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
12 जाने-माने लोगों ने लिखा पत्र की येे मांग
इस पत्र को लिखने वालों में 12 जाने-माने लोग हैं। इनमें सुप्रीम कोर्ट के 3 पूर्व जज हैं- जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी, जस्टिस वी. गोपाला गौड़ा, जस्टिस एके गांगुली. इनके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह, मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जज के. चंद्रू, कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व जज मोहम्मद अनवर भी हैं। पत्र लिखने वालों में इनके अलावा सीनियर एडवोकेट शांति भूषण, इंदिरा जयसिंह, चंदर उदय सिंह, श्रीराम पांचू, प्रशांत भूषण और आनंद ग्रोवर भी शामिल हैं। इस लेटर पिटीशन में आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारियों का पक्ष सुनने और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की इजाजत देने के बजाय यूपी में प्रशासन उनके खिलाफ हिंसक कार्रवाई कर रहा है।
खुद सीएम योगी ने दिए ऐसे निर्देश
प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद अधिकारियों से कहा है कि दोषियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाए की वो दोबारा ऐसा करने के बारें में ना सोचे। गैरकानूनी प्रदर्शन करने वालों पर एनएसए, गैंगस्टर कानून जैसे कड़े कानून लगाने का भी निर्देश दिया गया है। उनके ऐसे बयानों से पुलिस को प्रदर्शनकारियों को बेरहमी से और गैरकानूनी रूप से प्रताड़ित करने के लिए प्रोत्साहन मिला है।
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