जेल में कैदी पढेंगे अब धर्मिक ग्रँथ लाइब्रेरी बन कर हो रही तैयार
मुजफ्फरनगर जिला कारागार का नाम उत्तर प्रदेश की अति संवेदनशील जेलों में शुमार
लखनऊ: अपराध की दुनिया में नाम रोशन करने के बाद सलाखों के पीछे पहुंचे कैदी अब जेल में पढ़ेंगे धार्मिक ग्रंथ व साहित्य पुस्तके जिसको लेकर जिला कारागार मुजफ्फरनगर में तैयारियां पूरी जोरों शोरों से चल रही है। मुजफ्फरनगर जिला कारागार का नाम उत्तर प्रदेश की अति संवेदनशील जेलों में शुमार है लेकिन अब मुजफ्फरनगर जिला कारागार कैदियों के लिए बनाये जा रहे नये प्रोजेक्ट को लेकर चर्चाओं में है, मुजफ्फरनगर जेल की नई तस्वीर आने वाले दिनों में आपको देखने को मिलेगी क्योंकि यहां पर तैनात जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा यहां बंदी कैदियों के लिए एक भव्य पुस्तकालय का निर्माण करा रहे हैं। जिसका कार्य जोरों शोरों पर चल रहा है मुज़फ्फरनगर शहर के कुछ सामाजिक सेवा संस्थान भी इस कार्य मे सहयोग दे रहे है। जिससे जेल में बंद कैदियों की दिशा बदल सके और उनको धार्मिक सामाजिक ज्ञान प्राप्त हो सके। जेल में यह पुस्तकालय जब बनकर तैयार होगा तो इस पुस्तकालय में इस्लामिक और सनातनी ज्ञान देने के लिए जेल से ही शिक्षकों की तैनाती भी होगी, अभी तक जेल की इस लाइब्रेरी में मुजफ्फरनगर के सामाजिक संगठन व लोगों की मदद से 1000 पुस्तकें एकत्र कर ली गई हैं।
अपराधियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयास
यदि जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा की मानें तो जेल में अपराधियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयास भी शुरू किए गए हैं जिसके लिए एक हजार पुस्तक एकत्रित कर ली गई है। इन पुस्तकों को बंदी पुस्तकालयों में आकर पढ़ेंगे वहीं लाइब्रेरी के आसपास की दीवारों को सुंदर बनाने के लिए पेंटिंग का भी कार्य किया गया है। वह संदेश देने वाले स्लोगन भी बनाए गए हैं। जो अपराधियों के मस्तिष्क में सीधा प्रभाव छोड़ने का काम करेंगे वही इस लाइब्रेरी में साहित्य के किताबों की भी श्रंखला एकत्र की जा रही है। जीत पर अपराधी साहित्यिक जान को लेकर इतिहास की भी जानकारी पढ़ सकेंगे जिला कारागार में बंद नहीं इस आधुनिक लाइब्रेरी में धार्मिक ग्रंथ जैसे रामायण, राम चरित्र मानस, कुरान, बाइबल इत्यादि ग्रंथों को भी एकत्र किया जा रहा है।