2000 नोटों की छपाई हुई बंद, जानिए कितने प्रतिशत तक नोटों में आई कमी
अब 2000 के नोट हुए बंद, इन नोटों की बढ़ीं संख्या
लखनऊ: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। वहीँ नोटबंदी के फैसले के बाद 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट चलन में आ गए थे।
देश में 2000 के नोट सबसे ज्यादा चलन में साल 2017-18 के दौरान रहे. इस दौरान बाजार में 2000 के 33,630 लाख नोट चलन में थे। इनका कुल मूल्य 6.72 लाख करोड़ रुपये था। वहीँ नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में आए 2000 के नोट अब उतने चलन में नहीं रहे. इनकी संख्या में 9,120 लाख यानी 27% की कमी आई। इस तरह बाजार से 1.82 लाख रुपये के 2000 के नोट चलन से बाहर हो चुके हैं।
दो सालों से नहीं हुई 2000 रुपये के नोटों की छपाई
वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में यह जानकारी दी थी कि पिछले दो साल से 2000 रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है। दरअसल सरकार आरबीआई के साथ बातचीत करने के बाद नोटों की छपाई को लेकर फैसला करती है. अप्रैल 2019 के बाद से केंन्द्रीय बैंक ने 2000 का एक भी नोट नहीं छापा है। उसकी वार्षिक रिपोर्ट में भी इस बात की जानकारी दी गई हैं।
आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में चलन से बाहर हुए इन 2000 के नोट की कोई जानकारी नहीं हैं। लेकिन केन्द्रीय बैंक ने साफ किया है कि उसने इनकी छपाई पूरी तरह से बंद कर दी है, इसलिए बैंक शाखाओं तक 2000 के नए नोट नहीं पहुंच रहे और ना ही लोगों को एटीएम से अब मिल रहे हैं।
जानकारी के मुताबि ऊंचे मूल्य होने की वजह से 2000 के नोट कालेधन के रूप में जमा किए जा रहे हैं। 2016 में नोटबंदी के समय भी विशेषज्ञों को 4 से 5 लाख करोड़ रुपये की करेंसी के वापस नहीं आने की उम्मीद थी. हालांकि उसके बाद आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि बंद किए गए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट में से लगभग 99% वापस आ गए।
आरबीआई के मुताबिक मार्च तक देश में 2000 रुपये के मात्र 24,510 लाख नोट ही चलन में बचे हैं. इनका कुल मूल्य 4.90 लाख करोड़ रुपये है। हालांकि 2000 रुपये के नोट चलन में भले कम हुए हैं, लेकिन अन्य बैंक नोट जैसे कि 500, 200 रुपये के नोट का चलन बढ़ा है। इस दौरान देश में नकदी का उपयोग भी बढ़ा हैं।
इन नोटों का बढ़ा चलन
आरबीआई हिसाब से देश में नकदी का चलन बढ़ा है. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान चलन में करेंसी नोटों की संख्या में 7.2% की और नकदी के मूल्य में 16.8% की बढ़त दर्ज की गई। जबकि 2019-20 के दौरान ये क्रमश: 6.6% और 14.7% थी।
देश में 31 मार्च 2021 तक चलन में कुल करेंसी नोट में 500 और 2000 की हिस्सेदारी 85.7% रही जो 31 मार्च 2020 तक 83.4% थी. RBI की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि 500 के नोट 2000 के नोट की जगह ले रहे हैं। सर्कुलेशन करेंसी में सबसे अधिक हिस्सेदारी 31.1% 500 के नोट की है. इसके बाद 23.6% हिस्सेदारी 10 रुपये के नोट की है।
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