सब्जियों के भाव आसमान पर, जाने कब तक मिलेगा राहत

लखनऊ. उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हरी सब्जियों (Green Vegetables) की किल्लत के चलते इनके भाव चढ़ते ही जा रहे हैं. बाजार में आवक इतनी कम हो गयी है कि सभी सब्जियों के दाम 50 रूपये प्रति किलो से ज्यादा हो गये हैं. कुछ ने तो सैकड़ा भी लगा दिया है. दाम में फिलहाल कोई कमी आने की उम्मीद नहीं है. अगले एक महीने तक भाव के यूं ही बढ़ते ही रहने के आसार हैं. हां, यह जरूर है कि प्याज के दामों में कमी आती जा रही है.

करैला, भिण्डी, लौकी, कद्दू, हरी पत्तेदार प्याज जैसी हरी सब्जियों के दामों में पिछले एक हफ्ते में ही ठीकठाक उछाल देखने को मिला है. 20-25 रुपये प्रति किलो बिकने वाला कद्दू और लौकी अब फुटकर में 40 रुपये के भाव से बिक रहा है. भिंडी वैसे तो 50-60 रुपये किलो बिक रही थी, लेकिन अब यह भी फुटकर में 20 रुपये पाव हो गई है. सबसे तेजी तो करेले में देखने को मिल रही है. करेला 80-100 रुपये प्रति किलो के भाव पहुंच गया है. तेजी से दाम तो हरी पत्तेदार प्याज का भी बढ़ा है. अमूमन 20-25 रुपये प्रति किलो बिकने वाला पत्तीदार प्याज अब 60 रूपये प्रति किलो के भाव से बिकने लगा है. परवल के दाम भी आसमान पर हैं. 20 रुपये पाव के हिसाब से परवल बिक रहा है. पालक 30-40 रूपये में बिक रही है.

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अभी नहीं मिलेगी राहत

लखनऊ के गोमतीनगर के विशालखंड में सब्जी की दुकान लगाने वाले अखिलेश कुमार ने कहा कि दाम में फिलहाल कोई कमी नहीं आएगी. जाड़े की सब्जियों का सीजन जा रहा है. पौधे सूख रही है. अब जब तक गर्मी वाली सब्जियां मार्केट में नहीं आएंगी तब तक दाम में भी कोई गिरावट नहीं आएगी. गर्मी के सीजन की सब्जियां अभी लगी हैं, लेकिन पैदावार होने में कुछ टाइम अभी और लगेगा. जब नयी फसल की लौकी, करेली, तोरई, परवल, कद्दू और भिण्डी आयेगी तभी दामों में कमी आयेगी. ये जरूर है कि सरकारों को हिला देने वाले प्याज के दाम पिछले हफ्ते के मुकाबले कम हुए हैं. फुटकर में 50 रुपये प्रति किलो में बिकने वाला प्याज अब 30-40 रुपये प्रति किलो के भाव आ गया है. गांव-गांव में प्याज की फसल तैयार हो गयी है. ऊपर से महाराष्ट्र से आने वाले प्याज की आवक भी बढ़ गयी है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि प्याज के दाम और कम हो सकते हैं.

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