ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले बीजेपी सांसद की जाति पर सवाल, 10 लाख के ईनाम का ऐलान
बीजेपी सांसद डॉक्टर के पी यादव पर दर्ज हुए धोखाधड़ी के मामले के बाद सांसद KP यादव एवं भाजपा द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बाद शिकायतकर्ता गिर्राज यादव एवं जिले के तीनों कांग्रेस विधायकों ने प्रेस वार्ता कर बीजेपी के आरोपों का जवाब दिया है। इसी बीच शिकायतकर्ता गिर्राज यादव ने कहा कि जो शिकायत मैंने की है, सांसद और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह उसे गलत साबित कर दें तो मैं उन्हें 10 लाख रुपए का इनाम दूंगा।
23-24 दिसंबर की दरमियानी रात को सांसद के पी यादव एवं उनके बेटे सार्थक यादव पर जाति प्रमाण पत्र में असत्य जानकारी देने के मामले में कोतवाली थाने में 420 एवं अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया। तो बीजेपी ने इसे कांग्रेस सरकार एवं कांग्रेस के पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का षड्यंत्र बताया। बीजेपी द्वारा लगातार सरकार के खिलाफ की जा रही बयानबाजी एवं प्रदर्शनों के बाद आज जिले के तीनों विधायक गोपाल सिंह चौहान (चन्देरी) बृजेंद्र सिंह यादव (मुंगावली )एवं जजपाल सिंह जज्जी (अशोकनगर) के साथ शिकायतकर्ता गिर्राज यादव ने संयुक्त रूप से एक प्रेस वार्ता आयोजित की एवं बीजेपी के आरोपों पर जवाब दिया।
बता दे की -शिकायतकर्ता गिर्राज यादव ने कहा कि उन्होंने यह शिकायत किसी के कहने पर नहीं बल्कि पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की लड़ाई के लिए की है। उनका आरोप है कि सांसद जैसे व्यक्ति ने गरीब लोगों के हक को खत्म किया है। इसलिए उन पर जो कार्रवाई की गई है वह सही है। उन्होंने सांसद के पी यादव एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के द्वारा लगाये जा रहे आरोपों पर कहा कि उनके द्वारा प्रस्तुत किए गये तथ्यों को यह दोनों गलत सिद्ध कर दें तो उन्हें 10 लाख रु का इनाम दूंगा। गिर्राज यादव ने कहा कि सांसद ने बार-बार अपने आय प्रमाण पत्र बदले हैं, जो सरासर अपराध है। एक सांसद होने के बाद कोई व्यक्ति क्रीमी लेयर से बाहर का प्रमाणपत्र कैसे बनवा सकता है। के पी यादव पर काफी जमीन जायदाद है जो उन्हें संपन्न सिद्ध करती है । बावजूद उन्होंने अपनी आय कम दर्शाई है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उनकी शिकायत के बाद सांसद ने खुद लिख कर दिया है कि उनसे भूल बस कम आय प्रस्तुत हो गई इसलिये उनका प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया जाए।
वहीं हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने गुना शिवपुरी सांसद केपी यादव को बड़ी राहत प्रदान की है । हाईकोर्ट ने अशोकनगर के एसडीएम द्वारा उनके जाति प्रमाण पत्र को क्रीमी लेयर का मानते हुए निरस्त करने संबंधी आदेश पर फ़िलहाल रोक लगा दी है और उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में फिलहाल किसी भी तरह की अग्रिम करवाई नहीं किए जाने के लिए आदेश दिए हैं..!!