राष्ट्रपति ने “आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम मंदिर का विकास“ परियोजना का किया लोकार्पण
परियोजना में शामिल घटकों में एम्फीथिएटर, रोशनी की व्यवस्था, प्रकाश और ध्वनि शो, डिजिटल समावेशन, पर्यटक सुविधा केंद्र, पार्किंग क्षेत्र, चेंजिंग रूम, शौचालय परिसर, स्मारिका दुकानें, फूड कोर्ट, एटीएम और बैंकिंग सुविधा जैसी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में श्रीशैलम मंदिर परिसर में “आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम मंदिर का विकास” परियोजना का उद्घाटन किया। परियोजना को पर्यटन मंत्रालय के विरासत संवर्धन अभियान के अंतर्गत ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत वृद्धि ड्राइव पर राष्ट्रीय मिशन (पीआरएएसएचएडी) के अंतर्गत स्वीकृत और तैयार किया गया था।
“आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम मंदिर का विकास” परियोजना 43.08 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की गई है। यह परियोजना भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित है। परियोजना में शामिल किए गए घटकों में एम्फीथिएटर, रोशनी की व्यवस्था, प्रकाश और ध्वनि शो, डिजिटल समावेशन, पर्यटक सुविधा केंद्र, पार्किंग क्षेत्र, चेंजिंग रूम, शौचालय परिसर, स्मारिका दुकानें, फूड कोर्ट, एटीएम और बैंकिंग सुविधा जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं। इन व्यवस्थाओं का उद्देश्य आगंतुकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करके श्रीशैलम मंदिर को एक विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थल बनाना है।
तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन’ (प्रशाद) भारत सरकार द्वारा पूर्ण वित्तीय सहायता के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। रोजगार सृजन और आर्थिक विकास पर इसके प्रत्यक्ष और गुणात्मक प्रभाव के लिए तीर्थ और विरासत पर्यटन स्थलों का दोहन करने के लिए केंद्रित एकीकृत बुनियादी ढांचे के विकास की परिकल्पना के साथ यह योजना वर्ष 2014-15 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई है।
President Droupadi Murmu offered prayers at Srisailam Temple in Andhra Pradesh. She inaugurated project of Development of Srisailam Temple under 'Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual, Heritage Augmentation Drive (PRASHAD)' scheme and inaugurated a Tourism Facilitation Centre. pic.twitter.com/Qh91MW4MKP
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 26, 2022
श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती को समर्पित है और भारत में एकमात्र मंदिर है जो शैववाद और शक्तिवाद दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। लिंगम के आकार में प्राकृतिक पत्थर की संरचनाओं में जगह के प्रमुख देवता ब्रह्मरम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी हैं और उन्हें भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और देवी पार्वती के 18 महाशक्ति पीठों में से एक माना जाता है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों और शक्ति पीठों में से एक होने के अलावा, मंदिर को पाडल पेट्रा स्थलम में से एक के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है। भगवान मल्लिकार्जुन स्वामी और देवी भ्रामराम्बा देवी की मूर्ति को ‘स्वयंभू’ या स्वयं प्रकट माना जाता है, और एक परिसर में ज्योतिर्लिंगम और महाशक्ति का अनूठा संयोजन आपनी तरह का इकलौता मंदिर है।
इस कार्यक्रम के दौरान तेलंगाना की राज्यपाल श्रीमती तमिलिसाई सुंदरराजन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपाद यस्सो नाइक, उपमुख्यमंत्री और बंदोबस्ती मंत्री, आंध्र प्रदेश सरकार श्री कोट्टू सत्यनारायण, पर्यटन, संस्कृति और युवा उन्नति मंत्री, आंध्र प्रदेश सरकार, श्रीमती आर के रोजा, वित्त, योजना और विधायी मामलों के मंत्री, आंध्र प्रदेश सरकार, श्री बुगना राजेंद्रनाथ, सचिव (पर्यटन) भारत सरकार श्री अरविंद सिंह और अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।