फाइटर प्लेन सुखोई से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भरी उड़ान
असम –तेजपुर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान सुखोई एमकेआई 30 में उड़ान भरी। वह विमान की पिछली सीट पर बैठीं। उन्होंने असम के तेजपुर स्थित वायुसेना बेस से उड़ान भरी।उड़ान भरने से पहले राष्ट्रपति ने फाइटर पायलट की तरह फ्लाइंग शूट पहना। वायुसेना के अधिकारियों ने उन्हें विमान और उड़ान के दौरान होने वाले अनुभवों के बारे में जानकारी दी। बताते चलें द्रौपदी मुर्मू से पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल भी सुखोई में उड़ान भर चुके हैं।दरअसल, सुखोई भारतीय वायुसेना का मुख्य फाइटर प्लेन है। वायुसेना के पास 250 से अधिक सुखोई विमान हैं। दो इंजन वाला यह विमान हवा से हवा में लड़ाई और जमीन पर हमला करने जैसे सभी तरह के ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। भारत ने इस विमान को रूस से खरीदा था। इसकी गिनती दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में होती है। असम के तेजपुर में स्थित वायुसेना का एयरबेस रणनीतिक रूप से काफी अहम है। यह एयरबेस चीन से लगी सीमा के करीब है। यहां से पूरे पूर्वोत्तर भारत के सीमाओं की निगहबानी वायु सेना द्वारा की जाती है। गौरतलब है कि सुखोई-30 को भारतीय वायुसेना का रीढ़ माना गया है।इस विमान को भारत की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड रूस के साथ मिलकर बनाती है। आज भारत के पास 250 से ज्यादा सुखोई-30 लड़ाकू विमान है।ये विमान ब्रह्मोस मिसाइल को फायर करने में भी सक्षम है सुखोई-30 लड़ाकू विमान हिंदुस्तान की वो ताकत है, जिससे दुश्मन के पसीने छूट जाते हैं।जब भी युद्ध की बात होने लगती है, तो इस विमान का जिक्र जरूर होता है।