वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु के कारण पेयजल की सुचारू व्यवस्था बनाये रखना-भूपेन्द्र सिंह
मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु के कारण पेयजल की सुचारू व्यवस्था बनाये रखना विभाग की प्रथम प्राथमिकता है। निकाय क्षेत्र में जलप्रदाय व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये निकाय के समस्त संसाधनों एवं जलस्त्रोतों का उपयोग किया जाये।
सिंह ने कहा है कि प्रत्येक नगरीय निकाय में यह प्रयास किया जाना चाहिए कि प्रतिदिन जलप्रदाय हो, परन्तु जल स्त्रोत आदि की समस्या को देखते हुए एक दिन छोड़कर भी जलप्रदाय सुनिश्चित करना पर्याप्त होगा। उन्होंने कहा है कि किसी भी नगरीय निकाय में एक दिन से अधिक छोड़कर जलप्रदाय करने की स्थिति नहीं होनी चाहिए।
पेयजल परिवहन की स्थिति उत्पन्न होने पर चरणबद्ध तरीके से कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। सर्वप्रथम नगरीय क्षेत्र में स्थित निकाय के समस्त जलस्त्रोतों जैसे बाँध, जलाशय, नदी या नलकूप में उपलब्ध जल का उपयोग किया जाये। आवश्यकतानुसार इन जलस्त्रोतों को विद्यमान पेयजल व्यवस्था से पाईप लाईन इत्यादि के माध्यम से जोड़कर उपयोग किया जाये ताकि पानी का अपव्यय न हो। निकाय के जलस्त्रोतों में पानी समाप्त हो जाने की स्थिति में नगर में अथवा नगर के आसपास स्थित शासकीय अथवा निजी नलकूपों के अधिग्रहण के संबंध में जिला कलेक्टर के माध्यम से कार्यवाही की जाये।
इन सभी प्रयासों के बाद भी यदि जलसंकट की स्थिति उत्पन्न होती है तो पेयजल परिवहन का कार्य किया जाये। पेयजल परिवहन के लिए सर्वप्रथम निकाय के जलस्त्रोतों/ अधिग्रहित जलस्त्रोतों तथा निकाय के टैंकरों का ही उपयोग सुनिश्चित किया जाये।
निकाय की जलप्रदाय व्यवस्था सुचारू रखने के लिये अन्य कोई विकल्प न होने की स्थिति में निजी टैंकरो से परिवहन का कार्य किया जा सकेगा। निजी टैंकरों से पेयजल परिवहन करने की स्थिति उत्पन्न होने पर निर्धारित प्रपत्र में जानकारी संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास को दी जाये।