“JNU में हिंदू, बौद्ध और जैन का स्टडी सेंटर खोलने की तैयारी, एडमिशन अगले सत्र से शुरू”

"एसीयूईटी परीक्षा: JNU में स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रम के लिए बढ़ेंगी सीटें"

आगामी सत्र से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को सीयूईटी की परीक्षा देनी होगी। इसकी जानकारी ने विद्यार्थियों के बीच उत्साह और उम्मीद का माहौल बना दिया है।

विश्वविद्यालय ने घोषणा की है कि फिलहाल मात्र 20-20 सीटें ही उपलब्ध होंगी, जो तीन अलग-अलग केंद्रों में होंगी। इसके बाद, सीटों में बढ़ोतरी की जाएगी ताकि अधिक उम्मीदवारों को मौका मिल सके।

छात्रों ने इस नई पहल का स्वागत किया है और उन्हें इस नये प्रवेश प्रक्रिया में बढ़िया अवसर मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय के विकास में भी एक नई कड़ी जुड़ी है और उसकी राजनीतिक वातावरण में भी नयी जोश आएगी।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने हाल ही में घोषणा की है कि उसमें स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) पाठ्यक्रम के छात्रों को अब पीएचडी (डॉक्टरेट) भी करने का मौका मिलेगा। यह घोषणा विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच बड़ी खुशी का सबब बनी है।

इस नई पहल के जरिए, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में पढ़ रहे छात्र अब अपनी शिक्षा को और अधिक गहराई तक ले जा सकेंगे। इससे विश्वविद्यालय में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई गर्व और उत्साह का माहौल बनेगा।

छात्रों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह उन्हें अधिक शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रसर होने का अवसर प्रदान करेगा। पीएचडी पाठ्यक्रम उन छात्रों के लिए भी एक विशेष अवसर होगा जो विशेष अध्ययन क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान को लेकर अग्रसर होना चाहते हैं।

विश्वविद्यालय के इस नए पहल के द्वारा, विद्यार्थियों को अधिक से अधिक शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में सक्षम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह नयी योजना विश्वविद्यालय के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है जो छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने घोषणा की है कि शुरुआत में स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) पाठ्यक्रमों के लिए केवल 20-20 सीटें ही उपलब्ध होंगी। ये सीटें तीन विभिन्न अध्ययन केंद्रों में वितरित की जाएँगी।

विश्वविद्यालय की इस घोषणा ने विद्यार्थियों में उत्साह और उम्मीद का आधान लगा दिया है। स्नातकोत्तर के इन सीटों के लिए छात्रों को सीयूईटी की परीक्षा देनी होगी, जिससे कि वे अपने चयन के अनुसार अपने पसंदीदा अध्ययन केंद्र में प्रवेश पा सकें।

विश्वविद्यालय के प्रयास से, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि शुरुआत में सीटों की संख्या कम हो, लेकिन इसे आगे बढ़ाया जाएगा। इससे विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा और अधिक छात्रों को अवसर मिलेगा अपने शैक्षिक करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का।

Related Articles

Back to top button