कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की तैयारी पूरी, जानिए पूरी प्रक्रिया

लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से अनाथ हुए बच्चों के पालन-पोषण से लेकर उनके  पढ़ने-लिखने के लिए बनाई जा रही उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (CM Child Care Scheme) की तैयारी पूरी हो चुकी है. इस योजना में पात्रता से लेकर आवेदन तक की प्रक्रिया तय कर दी गयी है और संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी भी दे दी गई है. यह योजना उत्तर प्रदेश के महिला कल्याण विभाग की तरफ से चलाई जाएगी,  जिसमें योजना का उद्देश महामारी में अनाथ हुये बच्चों की सारी जरूरतें पूरी करना है. इस योजना में भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था सरकारी खर्च पर की जाएगी. इस योजना में 18 साल तक के ऐसे बच्चे शामिल किए जाएंगे जिनके मां-बाप दोनों की मौत कोरोना से हो गई हो या फिर माता- पिता में से किसी एक की मृत्यु 1 मार्च 2020 से पहले हुई हो. इसके अलावा नवजात से 18 साल के बच्चे जिनके माता पिता में से किसी एक की मौत कोराना के कारण हुई हो और वहां परिवार का खर्च चलाने वाला वही हो, उसे भी योजना का लाभ मिलेगा.

इस लाभ पाने के लिए बच्चे और अभिभावक की फोटो सहित आवेदन पत्र देना होगा. माता पिता और बच्चे का फोटो देना होगा. इस बात के प्रमाण देने होंगे कि मौत कोरोना से ही हुई है. आय प्रमाणपत्र और बच्चे का आयु प्रमाण पत्र, शिक्षण संस्थान में दाखिले का प्रमाण पत्र और उत्तर प्रदेश का निवासी होने का प्रमाण पत्र देना होगा.

प्रतिमाह चार हजार देगी सरकार

यूपी सरकार की योजना के तहत 18 साल तक की बच्चे के संरक्षक के बैंक खाते में 4000 रूपये प्रतिमाह दिया जाएगा. इसके साथ शर्त भी होंगी कि उसका औपचारिक शिक्षा के लिए किसी स्कूल में एडमिशन कराया गया हो. कक्षा एक से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवास विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी विद्यालय में दाखिला दिया जाएगा. अगर बच्चे की संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हों तो बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए 18 साल तक होने तक या कक्षा 12 की शिक्षा पूरी होने तक 4000 रूपये प्रतिमाह दिए जाएंगे.

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