भारत चीन झड़प पर विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले गलवान में जो हुआ वह चीन की साजिश
भारत और चीन के बीच झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं। हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारतीय सैनिकों ने चीन के लगभग 43 सैनिकों को हताहत किया है साथ ही चीन के कमांडिंग ऑफिसर को भी भारतीय सैनिकों ने ढेर कर दिया है। वहीं देश के प्रधानमंत्री मोदी ने देश के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी समकक्ष से फोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कड़े शब्दों में भारत चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प पर जबरदस्त प्रतिरोध जताया।
खबर है कि विदेश मंत्री गलवान घाटी में हिंसक झड़प पर भारत सरकार के विरोध को कड़े शब्दों में उनके सामने रखा। उन्होंने याद दिलाया कि 6 जून को हुई बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी को कम करने और सेनाओं को पीछे ले जाने पर एक समझौता हुआ था। पिछले सप्ताह ग्राउंड कमांडर इस सहमति को लागू करने के लिए नियमित रुप से बैठक कर रहे थे। अभी इसमें कुछ प्रगति हुई ही थी कि तभी चीनी पक्ष ने एलसी के हमारी तरफ गलवान घाटी में एक संरचना बनाने की मांग की। जब यह विवाद की जड़ बना चीनी पक्ष ने पूर्व निर्धारित और सुनियोजित तरह से कार्रवाई की। जो कि बाद में घटनाओं के लिए जिम्मेदार है जिसमें हिंसा और मौत हुई। यह जमीन पर यथास्थिति को नहीं बदलने के हमारे समझौतों के उल्लंघन को दिखाता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जोर दिया कि इस अभूतपूर्व बाग का द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि है समय की जरूरत है कि चीनी पक्ष अपनी कार्रवाई का पूर्ण मूल्यांकन करें और सुधारात्मक कदम उठाएं। दोनों पक्षों को 6 जून को वरिष्ठ कमांडरों की बातचीत में मणि समक्ष को सतर्कता पर ईमानदारी से लागू करना चाहिए। उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा का शक्ति से सम्मान करना चाहिए और इसकी स्वीकार्यता दिखानी चाहिए। साथ ही इसे बदलने के लिए एक तरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
चीन के राज्य काउंसलर और विदेश मंत्री ने अपनी ओर से हाल के घटनाक्रमों पर चीनी स्थिति से अवगत कराया। इस चर्चा के समापन पर यह सहमति बनी कि पूरी स्थिति को एक जिम्मेदार तरीके से नियंत्रण में किया जाएगा और दोनों पक्ष 6 जून की सेनाई कम करने के समक्ष को ईमानदारी से लागू करेंगे।